Begin typing your search...

लॉर्ड्स टेस्ट से पहले बड़ा सवालः क्या गिल-गंभीर को प्लेइंग इलेवन में ये बदलाव नहीं करने चाहिए?

एजबेस्टन टेस्ट में बड़ी जीत के बाद भारत लॉर्ड्स टेस्ट में उतरेगा तो जसप्रीत बुमराह की वापसी तय मानी जा रही है. हालांकि करुण नायर, नीतीश रेड्डी और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल हैं. ऐसे में शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर को प्लेइंग इलेवन में बदलाव पर विचार करना पड़ सकता है. वाशिंगटन सुंदर और आकाश दीप को बरकरार रखना और अर्शदीप सिंह को मौका देना भी चर्चा में है. लॉर्ड्स की ग्रीन पिच को देखते हुए चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति बन सकती है.

लॉर्ड्स टेस्ट से पहले बड़ा सवालः क्या गिल-गंभीर को प्लेइंग इलेवन में ये बदलाव नहीं करने चाहिए?
X
( Image Source:  ANI )

जब कोई टीम एक मैच अच्छे अंतर से जीत जाती है तो अगले मुक़ाबले में भी उसी टीम के साथ उतरती है, जैसा कि इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में जीत के बाद एजबेस्टन में किया. अब टीम इंडिया ने एजबेस्ट में बहुत बड़ी जीत हासिल की है लेकिन ख़ुद कप्तान शुभमन गिल ने साफ़ तौर पर कहा है कि लॉर्ड्स में जसप्रीत बुमराह प्लेइंग इलेवन में होंगे. तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बुमराह के रूप में जीतने वाली टीम में एक परिवर्तन तय है. लेकिन क्या टीम इंडिया को ये एकमात्र बदलाव करना चाहिए? क्या उन्हें कमतर प्रदर्शन कर रहे कुछ खिलाड़ियों की जगह बेंच स्ट्रेंथ को नहीं आजमाना चाहिए? आखिर लॉर्ड्स में प्लेइंग इलेवन क्या होनी चाहिए?

पहला टेस्ट हेडिंग्ले में हारने के बाद टीम इंडिया एजबेस्टन में दूसरा टेस्ट जीत कर सिरीज़ 1-1 से बराबरी पर ले आई है. अब तीसरा टेस्ट मैच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 10 जुलाई यानी गुरुवार से शुरू होने वाला है. दोनों ही टीमें इसे जीत कर सिरीज़ में बढ़त हासिल करना चाहेंगी. हालांकि इंग्लैंड का यह घरेलू मैदान है पर भारत के लिए भी यहां खेलना कम से कम एजबेस्टन की अपेक्षाकृत थोड़ा आसान रहा है. क्योंकि यहां की पिच पर टीम इंडिया कई मुक़ाबले (1986, 2014 और 2021 में टेस्ट मैच) जीत चुकी है. इसके बावजूद उसे इस टेस्ट मैच में कौन सी टीम उतारनी है उसे लेकर पूरी सावधानी बरतनी होगी.

वैसे तो किसी भी क्रिकेटर को अपना बेहतर प्रदर्शन दिखाने का अधिक-से-अधिक मौक़ा दिया जाना चाहिए और लंबे समय में यही तरीक़ा सबसे कारगर माना जाता रहा है. पर एजबेस्टन जीतने के बाद लॉर्ड्स में सिरीज़ में बढ़त बनाना ज़रूरी है. इसके लिए कुछ सुराख़ों पर पैबंद की ज़रूरत है.

तो तीसरे टेस्ट मैच के लिए शुभमन गिल और गौतम गंभीर कौन से 11 खिलाड़ियों को टीम में रखेंगे इसे लेकर उनके पास विकल्प क्या क्या हैं? चलिए इस पर करते हैं बात...

शुरुआत करते हैं पिछले दो टेस्ट मैचों से टीम में बरकरार उन खिलाड़ियों की बात से जिनका प्रदर्शन फ़ीका रहा है.

बल्लेबाज़ी मज़बूत पर क्या है कमज़ोर कड़ी?

हेडिंग्ले और एजबेस्टन दोनों टेस्ट में नंबर- 3 पर बल्लेबाज़ी करने करुण नायर को भेजा गया. दोनों जगहों पर अच्छी शुरुआत करने के बाद भी वो बड़ा स्कोर तो बहुत दूर एक अर्धशतक तक नहीं जमा पाए. जहां कप्तान शुभमन गिल, केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल औऱ यहां तक कि रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के बल्ले से भी रन निकल रहे हैं वहां करुण नायर के बल्ले से पिछली चार पारियों में महज़ 19.25 की औसत से कुल 77 रन ही निकले हैं. उन्होंने 0, 20, 31, 26 रन बनाए हैं.

बेशक करुण नायर को आठ साल से भी अधिक समय के बाद टीम में जगह मिली है और संभव है कि लॉर्ड्स में भी उन्हें मौक़ा दिया जाए. लेकिन साई सुदर्शन को भी एक और मौक़ा दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें हेडिंग्ले में ख़राब प्रदर्शन के बाद एजबेस्टन में मौक़ा नहीं दिया गया था. हालांकि साई सुदर्शन को यह कह कर भी अभी बाहर बैठाया जा सकता है कि वो अभी युवा हैं और उन्हें आगे कई मौक़े मिलने ही हैं. ऐसी सूरत में बेंच पर बैठे अभिमन्यु ईश्वरन को क्या नहीं आजमाया जाना चाहिए? वो 30 साल के होने वाले हैं. मौक़े की तलाश कर रहे हैं. इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ उन्होंने 68 और 80 रनों की पारियां भी खेली हैं. बल्लेबाज़ी क्रम में यही एक फेरबदल की गुंजाइश है क्योंकि टॉप औऱ मिडिल ऑर्डर के अन्य सभी बल्लेबाज़ रन बना रहे हैं.

ऑलराउंडर या गेंदबाज़, किसे तरजीह देगी टीम इंडिया?

हेडिंग्ले में हारने के बाद कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने टीम में तीन बदलाव किए थे. जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया था तो साई सुदर्शन और शार्दुल ठाकुर को बेंच पर बिठाया गया था. उनकी जगह आकाश दीप, वाशिंगटन सुंदर और नीतीश कुमार रेड्डी को मौक़ा दिया गया. आकाश दीप ने न केवल इस मौक़े को जमकर भुनाया बल्कि एजबेस्टन की जीत में कप्तान गिल के बाद सबसे बड़ी भूमिका निभाई. वहीं वाशिंगटन सुंदर ने भी एजबेस्टन की दो पारियों में जहां बल्ले से 42 रन और नाबाद 12 रन बनाए वहीं अपनी फिरकी से दूसरी पारी में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का अहम विकेट चटकाया. लेकिन नीतीश कुमार रेड्डी एजबेस्टन में टीम की कमज़ोर कड़ी रहे. उन्हें दोनों पारियों में बैटिंग का मौक़ा मिला पर वो एक-एक रन ही बना सके. वहीं गिल ने उन्हें पहली पारी में केवल छह ओवरों की गेंदबाज़ी दी और नीतीश उनमें कोई विकेट नहीं ले सके, दूसरी पारी में उन्हें गेंदबाज़ी का मौक़ा नहीं मिल सका.

पर क्या एक टेस्ट मैच में फ़ीके प्रदर्शन के बाद क्या नीतीश रेड्डी को लॉर्ड्स में मौक़ा नहीं दिया जाना चाहिए? 22 वर्षीय नीतीश ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पिछले ही साल डेब्यू किया. वहां खेले गए सभी पांच मैचों में उन्हें मौक़ा भी दिया गया और तब नीतीश ने गेंदबाज़ी में तो पांच ही विकेट लिए पर वहां उनका बल्ला खूब चला था. मेलबर्न में भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी खेली और शतक जमाया तो सिरीज़ में 37.25 की औसत से कुल 298 रन बनाए.

ये बदलाव तो होकर रहेगा

एजबेस्टन मैच से पहले और उसे जीतने के बाद टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल ने ख़ुद कहा था कि लॉर्ड्स टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की प्लेइंग इलेवन में वापसी होगी. ऐसे में बुमराह की जगह टीम से बाहर किसे किया जाएगा उसे भी ढूंढना होगा. बुमराह की जगह आकाश दीप को दी गई थी लेकिन एजबेस्टन में उनके प्रदर्शन को देखते हुए लॉर्ड्स में भी उनके खेलने की पूरी संभावना है, अगर उन्हें बाहर बिठाया गया तो यह घोर आश्चर्य की बात होगी. हां, बुमराह को टीम में शामिल करने पर नीतीश रेड्डी या वाशिंगटन सुंदर को बाहर किया जा सकता है. पर क्या गिल प्रसिद्ध कृष्णा को बाहर करेंगे? उन्होंने पहले टेस्ट में बहुत महंगी गेंदबाज़ी की थी पर एजबेस्टन की दूसरी पारी में प्रसिद्ध कृष्णा ने अच्छी गेंदें डालीं और मैच के बाद गिल उनका नाम लेने से नहीं चूके.

लॉर्ड्स में कुलदीप के खेलने की संभावना

प्लेइंग इलेवन में जिस एक खिलाड़ी को शामिल करने की वकालत सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज कर चुके हैं, वो हैं कुलदीप यादव. जिन्होंने 13 टेस्ट मैचों में 22.16 की औसत से 56 विकेट लिए हैं. कुलदीप का रिकॉर्ड देखें तो विदेशी धरती पर उनके चार मैचों में 19.56 की औसत से 18 विकेट हैं. पर चार में से दो टेस्ट उन्होंने श्रीलंका और बांग्लादेश में खेले हैं, जहां उन्हें क्रमशः पांच और आठ विकेटें हासिल हुई थीं. हालांकि कुलदीप ने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी टेस्ट में भी पांच विकेट चटकाए थे. कुलदीप इंग्लैंड में भी एक टेस्ट खेल चुके हैं. वो भी लॉर्ड्स में जहां अगला मैच खेला जाना है. 2018 में खेले गए उस मुक़ाबले में कुलदीप को कोई विकेट नहीं मिल सका था. ऐसे में टीम मैनेजमेंट वाशिंगटन सुंदर पर ही लॉर्ड्स के लिए भरोसा करे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा.

तो टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन क्या होगी?

कप्तान गिल की अगुवाई में टीम इंडिया इस समय बल्ले से बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है. गिल 146.25 की औसत से तीन शतकों समेत 585 रन बना चुके हैं, तो औसत से लिहाज से नंबर दो पर रवींद्र जडेजा चल रहे हैं जिनके बल्ले से 97.00 की औसत से अब तक 194 रन निकल चुके हैं और वो दो अर्धशतक भी जमा चुके हैं. वहीं ऋषभ पंत दो शतकों समेत 85.50 की औसत से 342 रन, केएल राहुल एक शतक समेत 59.00 की औसत से 236 रन, यशस्वी जायसवाल भी एक शतक समेत 55.00 की औसत से 220 रन भी जबरदस्त फ़ॉर्म में चल रहे हैं. ऐसे में टीम को ऑलराउंड की जगह गेंदबाज़ी को और मजबूत करनी चाहिए. पर गेंदबाज़ी में क्या स्पिनर को जगह दी जानी चाहिए या चार तेज़ गेंदबाज़ के साथ लॉर्ड्स में उतरना चाहिए?

तो इसका जवाब है बुमराह, सिराज, आकाश दीप का लॉर्ड्स में खेलना तो तय लग रहा है. टीम को वहां एक तेज़ गेंदबाज़ और उतारना चाहिए और इसके लिए अर्शदीप को मौक़ा दिया जाना चाहिए वो भी प्रसिद्ध कृष्णा की जगह. क्योंकि टीम इंडिया के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने लॉर्ड्स की पिच को बहुत ग्रीन बताया है.

उन्होंने कहा, “विकेट में ग्रीन ज़्यादा है. हालांकि कटाई के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि वहां घास कितनी रहने वाली है. पर लॉर्ड्स का रिकॉर्ड उठा कर देखें तो वहां पहली दूसरी पारी में कम स्कोर बनता रहा है. ऐसे में पिच गेंदबाज़ों के लिए मददगार हो सकती है."

तो आखिर प्लेइंग इलेवन क्या हो सकती है. तो इसका जवाब है- यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल पारी की शुरुआत करेंगे. नंबर तीन पर करुण नायर/साई सुदर्शन/अभिमन्यु ईश्वरन में से किसी एक को उतारा जा सकता है. कप्तान शुभमन गिल नंबर- 4 पर उतरेंगे. पांचवें स्थान पर उप-कप्तान ऋषभ पंत तो छठे पर रवींद्र जडेजा उतरेंगे. सातवें पर वाशिंगटन सुंदर. आठवें से लेकर ग्यारवें तक पर आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज.

कुल मिलाकर लॉर्ड्स में टीम इंडिया निश्चित रूप से पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरेगी लेकिन कुछ बदलावों पर भी गंभीरता से विचार करने होंगे ताकि इस ऐतिहासिक मैदान को फ़तह करने में कोई कसर न रह जाए.

स्टेट मिरर स्पेशलक्रिकेट न्‍यूज
अगला लेख