'पृथ्वी शॉ जैसा हो जाएगा हाल', ऑस्ट्रेलियाई कोच ने इस खिलाड़ी को लेकर सिलेक्टर्स को दी चेतावनी
इस तरह, चयनकर्ताओं के सामने अभी कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन डीकोस्टा की सलाह है कि सैम कोनस्टास को चयन के लिए जल्दबाजी से बचना चाहिए, ताकि उनका करियर भी पृथ्वी शॉ की तरह न रह जाए.

ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध बल्लेबाजी कोच नील डीकोस्टा ने 19 वर्षीय युवा बल्लेबाज सैम कोनस्टास के चयन पर ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं को चेतावनी दी है. उन्होंने भारत के क्रिकेटर पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए कहा कि चयनकर्ताओं को भारत के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में सैम कोनस्टास को शामिल करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. डीकोस्टा का मानना है कि कोनस्टास में प्रतिभा तो है, लेकिन वह अभी पांच दिवसीय टेस्ट क्रिकेट के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं. कोनस्टास को फिलहाल घरेलू क्रिकेट में खुद को और निखारने का मौका देना चाहिए.
नील डीकोस्टा, जिन्होंने पूर्व में माइकल क्लार्क और दिवंगत फिलिप ह्यूज जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दी है, कोनस्टास के कोच भी रह चुके हैं. उनका कहना है कि कोनस्टास की क्षमता काफी है, परंतु अगर अभी उन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव डाल दिया गया, तो वह इसे संभाल नहीं पाएंगे. डीकोस्टा का कहना है कि, "अगर कोनस्टास को अभी चुना गया तो हो सकता है कि वह 100 टेस्ट खेलने की बजाय केवल 10 टेस्ट ही खेल पाएं."
पृथ्वी शॉ का उदाहरण क्यों दिया गया?
डीकोस्टा ने भारत के क्रिकेटर पृथ्वी शॉ का उदाहरण देते हुए कहा कि युवा खिलाड़ियों को जल्दबाजी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उतारना हमेशा फायदेमंद नहीं होता. पृथ्वी शॉ ने 2018 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें जल्द ही टीम से बाहर होना पड़ा. डीकोस्टा ने कहा कि शॉ की तकनीकी कमजोरियां पहले से ही नजर आ रही थीं, लेकिन उनके जल्दी चयन के कारण वे टीम में अपनी जगह बनाए रखने में सफल नहीं हो सके.
डीकोस्टा ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की गलती ऑस्ट्रेलिया को सैम कोनस्टास के साथ नहीं करनी चाहिए. उन्हें मौका देने के बजाय फिलहाल घरेलू क्रिकेट में खेलने दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी तकनीक और अनुभव को और मजबूत कर सकें.
डेविड वॉर्नर के विकल्प पर विचार-विमर्श
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और इयान हीली ने भी भारत के खिलाफ शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया की ओपनिंग पोजीशन को लेकर अपनी राय दी है. डेविड वॉर्नर के संन्यास के बाद उस्मान ख्वाजा के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए एक नए सलामी बल्लेबाज की तलाश जारी है. पोंटिंग और हीली ने ऑस्ट्रेलिया ए के कप्तान नाथन मैकस्वीनी का समर्थन किया है, जो कि इस पोजीशन के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं. मैकस्वीनी के अलावा सैम कोनस्टास, कैमरून बैनक्रॉफ्ट और मार्कस हैरिस भी इस भूमिका के संभावित विकल्पों में शामिल हैं.