Yogini Ekadashi 2025: इस दिन करें इन मंत्रों का जाप, मिलेगी श्रीहरि की कृपा और कष्ट होंगे दूर
योगिनी एकादशी व्रत को सभी पापों को नाश करने वाला और स्वास्थ्य तथा सुंदरता प्रदान करने वाला व्रत कहा गया है. इसका उल्लेख पद्म पुराण में आता है और इसे रखने से मनुष्य को न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि अस्वस्थता, दरिद्रता और दोषों से भी मुक्ति मिलती है.

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. यह तिथि एक महीने में दो बार आती है. हर एकादशी तिथि के व्रत का विशेष और अलग-अलग महत्व होता है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और ऐसी मान्यता है कि जो भी एकादशी व्रत रखता है और इसके नियमों का पालन करता है उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
वहीं इस व्रत को करने से जीवन में आने वाले कष्ट कम होते हैं, रोगों से छुटकारा मिलता हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. इस साल योगिनी एकादशी व्रत शनिवार, 21 जून को रखा जाएगा. एकदाशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान के साथ और विशेष मंत्रों के जाप करने से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं योगिनी एकादशी पर किन-किन मंत्रों का जाप करना शुभ और अच्छा होता है.
योगिनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- ॐ विष्णवे नमः
- ॐ श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नमः
- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि. तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
- ॐ पुरुषोत्तमाय नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ दामोदराय नमः
व्रत के नियम
- एकादशी का व्रत रखने से पहले व्रत की तिथि से पूर्व रात्रि में ही सात्विक और अल्प भोजन करना चाहिए.
- एकादशी की तिथि के दिन सबसे पहले स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित करते हुए व्रत का संकल्प लें.
- इस तिथि भगवान विष्णु की पूजा करें और उपवास रखें.
- दिन भर भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें.
- मंत्रों का जप सूर्योदय से पूर्व स्नान कर, पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर करें.
- प्रत्येक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
- तुलसी पत्र और पीले पुष्प अर्पित करें.
- व्रत कथा अवश्य सुनें और दान-पुण्य करें.