Begin typing your search...

Yamuna Shashthi 2025: इस मुहूर्त में करें युमना में स्नान, मिलेगी पापों और कष्टों से मुक्ति

यमुनाजी को भगवान श्री कृष्ण से जोड़कर देखा जाता है. कृष्णजी ने अपनी बाल्यकाल में यमुनाजी में स्नान किया था और उनके साथ खेल खेले थे. इसलिए, कृष्ण भक्तों के लिए यह एक विशेष धार्मिक स्थल बन जाता है.

Yamuna Shashthi 2025: इस मुहूर्त में करें युमना में स्नान, मिलेगी पापों और कष्टों से मुक्ति
X
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Published on: 29 March 2025 2:25 PM

यमुना षष्ठी हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जो विशेष रूप से यमुना नदी की पूजा से संबंधित है. मान्यता है कि इस दिन मां युमना पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं. यमुना षष्ठी का व्रत खासतौर पर उत्तर भारत के लोग रखते हैं. इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल है.

यमुना षष्ठी यमुना देवी के सम्मान में मनाया जाता है, जो यमराज की बहन मानी जाती हैं. इस दिन को विशेष रूप से यमुना नदी की महिमा को स्मरण करते हुए और उसकी पवित्रता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कब है युमना षष्ठी.

कब है युमना षष्ठी

षष्ठी तिथि की शुरुआत 2 अप्रैल की रात 11: 49 पर शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन 3 अप्रैल के दिन रात 9:41 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक 3 अप्रैल को युमना पष्ठी मनाई जाएगी.

युमना षष्ठी का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म के मुताबिक, यमुना षष्ठी के दिन 3 विशेष शुभ होते हैं. इनमें ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त और रवि योग शामिल है. मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में युमना में स्नान करना चाहिए. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त में मां युमना की पूजा करने से लाभ मिलता है. तीसरा अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए हवन-अनुष्ठान कर सकते हैं.

युमना नदी का महत्व

यमुना नदी का धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है. यमुना को भगवान श्री कृष्ण की प्रिय नदी माना जाता है और उनके जीवन से जुड़ी कई कथाएं इस नदी के किनारे घटित हुई थीं.

युमना में स्नान करने का धार्मिक कारण

यमुना में स्नान करने से शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. विशेष रूप से श्री कृष्ण के दर्शन और यमुना स्नान के कारण व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का अवसर मिलता है. यमुनाजी में स्नान करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति, ध्यान, और तत्त्व ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह मनुष्य को आत्मा के सत्य स्वरूप को पहचानने का अवसर देता है.


अगला लेख