इस दिन चांद देखने से लगता है कलंक! गणेशजी की कथा खोलेगी राज़
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी, जिसे गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखती है. इस दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन एक खास मान्यता के अनुसार इस तिथि पर चंद्र दर्शन वर्जित माना जाता है.

इस वर्ष 27 अगस्त से गणेशोत्सव का पर्व शुरू हो रहा है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी को समर्पित होती है और हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति की जन्मोत्सव बड़े ही जोश, उत्साह और भक्तिभाव से मनाया जाता है. गणेशोत्सव पर बड़े-बड़े पंडालों और घर में गणपति विराजमान होते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन करना वर्जित माना जाता है. ऐसा माना जाता है इस दिन अगर भूलवश ही चंद्रमा के दर्शन हो तो जीवन में कलंक लगने का दोष रहता है. आइए जानते हैं आखिरकार गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन क्यों नहीं किया जाता है.
श्रीकृष्ण और चंद्र दर्शन का प्रसंग
पुराणों और शास्त्रों में भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन करना वर्जित माना जाता है. ऐसी मान्यता हैं कि भाद्रपद चतुर्थी तिथि पर चंद्र दर्शन करने पर झूठे आरोप लगते हैं और जीवन में कलंक लगने का भय बना रहता है. ऐसी मान्यता भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी के दिन अनजाने में चंद्रमा का दर्शन कर लिया था. इसके परिणामस्वरूप उन पर चोरी का झूठा आरोप लग गया. और भगवान को अपनी निष्कलंकता सिद्ध करने के लिए अनेक कठिनाइयों से गुजरना पड़ा.
क्यों नहीं देखते हैं इस दिन चंद्रमा?
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान गणेश को हाथी के बच्चे का मुख लगाकर दोबारा से जीवित किया गया तो वे गजानन कहलाए. फिर इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने उनकी आराधना करते हुए स्तुति की लेकिन चंद्रदेव मंद-मंद मुस्कुराते रहें क्योंकि उन्हें अपने सौंदर्य पर बड़ा ही अभिमान था. ये सब होते देख क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को काले होने का श्राप दे दिया. इसके बाद चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ. तब चंद्रदेव ने भगवान गणेश से क्षमा मांगी तो गणेश जी ने कहा कि सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे. लेकिन चतुर्थी का यह दिन तुम्हें दण्ड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा. इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा. जो कोई व्यक्ति भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा,उस पर झूठा आरोप लगेगा.
चंद्रमा के दर्शन करने पर क्या करें
अगर भूलकर भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे दोष दूर हो जाता है.
सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेषः स्यमन्तकः।।