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दिवाली 2025 पर कब करें लक्ष्मी पूजन? जानें ऑफिस, दुकान और फैक्ट्री के लिए सबसे शुभ मुहूर्त!

दिवाली 2025 पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का सही समय जानें. इस साल 20 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या पर दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री में पूजन के अलग-अलग शुभ मुहूर्त हैं. प्रदोष काल, वृषभ काल और निशिता काल में पूजन करने से सुख, समृद्धि और धन की वृद्धि होती है. जानें व्यापारियों, किसानों और छात्रों के लिए अलग-अलग लक्ष्मी पूजन का समय और इसके धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से.

दिवाली 2025 पर कब करें लक्ष्मी पूजन? जानें ऑफिस, दुकान और फैक्ट्री के लिए सबसे शुभ मुहूर्त!
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( Image Source:  sora ai )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 20 Oct 2025 1:59 PM

कार्तिक अमावस्या को मनाया जाने वाला दीपावली का पर्व केवल दीपों और मिठाइयों का उत्सव नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरण और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. यह दिन उस प्रकाश का प्रतीक है जो अंधकार को मिटाकर ज्ञान और समृद्धि का मार्ग दिखाता है. भारत में इस पर्व का आर्थिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से विशेष स्थान है जहां एक ओर व्यापारिक गतिविधियां चरम पर होती हैं, वहीं दूसरी ओर यह परिवार और समाज को जोड़ने का अवसर भी बनता है.

दिवाली पर अधिकतर व्यापारी, दुकानदार और उद्योगपति मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करके अपने व्यवसाय की समृद्धि की कामना करते हैं. इस वर्ष 20 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक का समय दुकान, कारखाने और फैक्ट्रियों में पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. प्रदोष काल शाम 5:46 से रात 8:18 तक रहेगा, जबकि वृषभ काल शाम 7:08 से रात 9:03 तक विशेष फलदायक रहेगा.

ऑफिस और कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए पूजा का समय

जो लोग ऑफिस या निजी कार्यस्थलों में काम करते हैं, उनके लिए दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक का समय लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तम रहेगा. इस अवधि में मां लक्ष्मी की आराधना करने से धन और सफलता के नए अवसर खुलने की मान्यता है.

किसान और व्यापारियों के लिए विशेष मुहूर्त

किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए इस वर्ष 20 अक्टूबर की शाम 7:32 से रात 9:28 बजे तक का समय पूजन के लिए श्रेष्ठ रहेगा. नए व्यापारियों को शाम 5:55 से 7:25 बजे तक पूजा करनी चाहिए, जबकि पुराने व्यापारी दोपहर 3:25 से शाम 4:55 के बीच पूजन कर सकते हैं. इन समयों में की गई आराधना को स्थायी समृद्धि और निरंतर लाभ का प्रतीक माना गया है.

छात्रों और साधकों के लिए शुभ समय

छात्रों के लिए शाम 5:00 बजे से 6:30 बजे तक गणेश-लक्ष्मी पूजन का अमृत मुहूर्त है. वहीं साधक जो आध्यात्मिक अभ्यास करते हैं, उनके लिए रात 12:25 से 1:55 तक का समय अत्यंत लाभकारी बताया गया है. इस समय ध्यान और आराधना करने से मन की एकाग्रता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है.

निशिता काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व

रात्रि 11:41 से 12:31 बजे तक का निशिता काल मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. इस अवधि में पूजन करने से लक्ष्मी का स्थायी वास घर में होता है. सिंह लग्न काल भी सुबह 1:38 से 3:56 तक रहेगा, जिसे धन वृद्धि और सौभाग्य प्राप्ति का समय कहा गया है. यह काल अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला सच्चा दिव्य क्षण माना जाता है.

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