Begin typing your search...

6 साल तक चलती है सूर्य की महादशा, इन राशियों का चमक उठता है करियर और कारोबार

जब सूर्य की महादशा आती है तो उस दौरान अगर जातक की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में हैं और सकारात्मक भाव में विराजमान हैं तो जातक को शुभ फल मिलते हैं. इसके सूर्य के अपनी राशि सिंह, उच्च की राशि मेष में होने और मित्र ग्रहों की राशियों में होने पर शुभ फल ही प्रदान करते हैं.

6 साल तक चलती है सूर्य की महादशा, इन राशियों का चमक उठता है करियर और कारोबार
X
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Published on: 2 Jun 2025 12:49 PM

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों और राशियों की स्थितियों का प्रभाव जातकों के पूरे जीवन पर बहुत ही गहरा पड़ता है. इसके अलावा ग्रहों की अपनी महादशा और अंतर्दशा आने पर सबसे ज्यादा प्रभाव व्यक्ति के ऊपर पड़ता है. अगर किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह शुभ स्थिति में हो तो उस ग्रह की महादशा आने पर व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. आज हम आपको सूर्य की महादशा के बारे में बताएंगे. सूर्य की महादशा आने पर किस तरह के परिणाम मिलते हैं.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है. इनको सभी 12 राशियों में से सिंह राशि का स्वामी माना गया है. सूर्यदेव मेष राशि में उच्च के होते हैं, जबकि तुला राशि में नीच के होते हैं. सूर्य की महादशा 6 वर्षों तक रहती है. यानी जब किसी जातक के ऊपर सूर्य की महादशा आती है तो 6 वर्षों तक उस जातक के जीवन में सूर्य की स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ फल की प्राप्ति होती है. सूर्य की महादशा आने पर आपके जीवन में सकारात्मक या फिर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति क्या है. आइए जानते हैं सूर्य की महादशा में किन राशि वालों को सबसे ज्यादा लाभ मिलता है.

सूर्य की शुभ स्थिति में महादशा का प्रभाव

जब सूर्य की महादशा आती है तो उस दौरान अगर जातक की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में हैं और सकारात्मक भाव में विराजमान हैं तो जातक को शुभ फल मिलते हैं. इसके सूर्य के अपनी राशि सिंह, उच्च की राशि मेष में होने और मित्र ग्रहों की राशियों में होने पर शुभ फल ही प्रदान करते हैं. महादशा आने के दौरान व्यक्ति के अधूरे काम पूरे होते हैं. जो लोग सरकारी नौकरी प्राप्त करने के प्रयासों में रहते हैं उनको इसमें सफलता मिलती है. पिता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं. समाज में मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति करते हैं.

सूर्य की अशुभ स्थिति में महादशा का प्रभाव

अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी नहीं है और महादशा आ जाती है तो व्यक्ति घमंडी हो जाता है. पिता के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं रहते. व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य अगर पीड़ित है तो व्यक्ति को ह्रदय और आंखों से संबंधित रोग होते हैं. अगर सूर्य नीच की अवस्था में यानी तुला राशि में हो और इसका संबंध कुंडली के चौथे भाव से बने तो यह बहुत ही अशुभ रहता है. वहीं सूर्य के गुरु से पीड़ित होने पर व्यक्ति को ब्लड प्रेशर से संबंधित शिकायत होती है. सूर्य के कमजोर होने पर और महादशा चलने पर नौकरीपेशा को कार्यस्थल पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा समाज में मान-सम्मान में गिरावट आती है.

धर्म
अगला लेख