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VIDEO: महाभारत का वो राजा जो एक भूल से हो गया था प्रेग्नेंट, फिर ऐसे हुआ था बच्चे का जन्म; जानें रहस्यमयी कहानी के बारे में

महाभारत के राजा युवनाश्व ने पुरुष होते हुए गलती से गर्भधारण कर लिया और स्वयं ही बच्चे मंधाता को जन्म दिया. यज्ञ के पवित्र द्रव्य को गलती से पीने के कारण यह अद्भुत घटना हुई. जन्म के बाद देवराज इंद्र ने बालक को दूध पिलाया. यह कथा सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है और लोगों को हैरान कर रही है.

VIDEO: महाभारत का वो राजा जो एक भूल से हो गया था प्रेग्नेंट, फिर ऐसे हुआ था बच्चे का जन्म; जानें रहस्यमयी कहानी के बारे में
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 26 Dec 2025 8:52 AM IST

महाभारत में कई ऐसी कहानियां हैं, जो आज भी पाठकों और शोधकर्ताओं के लिए चौंकाने वाली हैं. इनमें से एक कहानी राजा युवनाश्व की है, जिन्होंने पुरुष होते हुए गर्भधारण किया और स्वयं ही बच्चे को जन्म दिया. प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पटनायक ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में इस रहस्यमय और अद्भुत घटना का वर्णन किया.

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सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस पोस्ट में पटनायक ने बताया कि कैसे युवनाश्व ने उत्तराधिकारी न होने की चिंता में यज्ञ करवाया और कैसे उस यज्ञ का परिणाम उनके लिए अद्भुत और असामान्य रहा. यह कथा न केवल महाभारत की गहराई को दर्शाती है, बल्कि प्राचीन कथाओं में विज्ञान और कल्पना के अद्भुत मिश्रण को भी उजागर करती है.

राजा युवनाश्व का गर्भधारण

देवदत्त पटनायक के अनुसार, युवनाश्व उत्तराधिकारी न होने की वजह से चिंतित थे. उन्होंने पुत्र के लिए यज्ञ करवाया और यज्ञ के बाद उन्हें एक पवित्र द्रव्य चरु प्राप्त हुआ, जिसे पत्नी को पिलाना था. लेकिन जंगल में भटकने और प्यास लगने की वजह से राजा ने वही पानी पी लिया. इस असाधारण घटना के परिणामस्वरूप, राजा युवनाश्व को गर्भ ठहर गया.

देवताओं की सहायता से जन्म हुआ बालक

महाभारत की कथा के अनुसार, जैसे ही प्रसव का समय आया, राजा की चिंता बढ़ी. उन्होंने देवताओं की सहायता ली. कथा के अनुसार, या तो देवराज इंद्र या अश्वनीकुमार ने राजा की जांघ से बालक का जन्म करवाया. जन्मे हुए बालक का नाम मंधाता रखा गया.

इंद्र ने दिया दूध का वरदान

जन्म के बाद बालक मंधाता को दूध की आवश्यकता थी और राजा युवनाश्व उसे दूध नहीं पिला सके. इस समय देवराज इंद्र आए और समझाया कि देवताओं की नसों में रक्त नहीं, बल्कि दूध प्रवाहित होता है. इंद्र ने अपना अंगूठा काटकर बच्चे को दूध पिलाया. पटनायक के अनुसार, शायद इसी वजह से आज भी छोटे बच्चे अंगूठा चूसते हैं, मानो उन्हें दूध की उम्मीद हो.

सोशल मीडिया पर चर्चा और प्रतिक्रिया

देवदत्त पटनायक की इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस कहानी को लेकर सक्रिय हो गए. एक यूजर ने पूछा, "क्या सच में यह संभव है?" वहीं दूसरे ने लिखा, "महाभारत में एक पुरुष ने गर्भधारण किया था." कुछ यूजर्स ने इसे प्राचीन ग्रंथों की प्रगतिशील सोच बताया, जबकि कुछ ने इस पर बहस भी शुरू कर दी.

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