Surya Grahan 2025: कब लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, क्या भारत में दिखाई देगा यह ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और कुछ समय के लिए सूर्य का पूरा या आंशिक भाग ढक लेता है. इस स्थिति में पृथ्वी के कुछ हिस्सों से सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता है.
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण बहुत ही खास रहने वाला होगा. दरअसल सूर्य ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है. ऐसे में आंशिक या फिर पूरी तरह से सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं आती है. पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में सूरज की रोशनी पूरी तरह के पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है. सूर्य ग्रहण साल भर में दो बार होता है. इसके अलावा आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढक पाता है.
यह सूर्य ग्रहण पितृपक्ष के दौरान लगेगा. आपको बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण मार्च महीने में लगेगा और अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का संबंध राहु और केतु से होता है. यह ग्रहण एख खंडग्रास होगा. दुनिया के कुछ हिस्सों में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा आइए जानते हैं साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की सभी जानकारी.
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब?
साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 21 सितंबर को रात करीब 11 बजे शुरू होगा जो 22 सितंबर को सुबह 03 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा. इस तरह से इस ग्रहण की कुल अवधि करीब 4 घंटे 24 मिनट की रहेगी. यह ग्रहण न्यूजीलैंड और अंटार्कटिका महाद्वीप में दिखाई देगा. इसके अलावा यह ग्रहण अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप में भी दिखाई देगा.
क्या भारत में दिखाई देगा ग्रहण
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. दरअसल ग्रहण के दौरान भारत में रात होगी इस कारण से भारत में सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण से पहले लगेगा चंद्र ग्रहण
21 सितंबर को साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के पहले 7 सितंबर को साल का दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा. साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगा था. भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
ग्रहण के प्रकार
- पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा के द्वारा सूर्य का प्रकाश पूरी तरह से रुक जाता है. ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण को खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहते हैं.
- जब चंद्रमा के द्वारा सूर्य का प्रकाश आंशिक रूप से पृथ्वी पर नहीं पहुंचता है तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं.
- जब चंद्रमा के द्वारा सूर्य का केवल केंद्र का हिस्सा ही ढक पाता है और चारों तरफ से उसकी रोशनी चमकती रहती है, तो इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.





