Begin typing your search...

Surya Dev Aarti: छठ पूजा पर जरूर करें सूर्य देव की यह आरती, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से डूबते हुए सूर्य देव की उपासना की जाती है. सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है.

Surya Dev Aarti: छठ पूजा पर जरूर करें सूर्य देव की यह आरती, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
X
( Image Source:  Sora_ AI )
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 18 Nov 2025 1:31 PM IST

Surya Dev Aarti: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से डूबते हुए सूर्य देव की उपासना की जाती है. सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है.

श्री सूर्य देव आरती

ॐ जय सूर्य भगवान,

जय हो दिनकर भगवान .

जगत् के नेत्र स्वरूपा,

तुम हो त्रिगुण स्वरूपा .

धरत सब ही तव ध्यान,

ॐ जय सूर्य भगवान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,

श्वेत कमलधारी .

तुम चार भुजाधारी ..

अश्व हैं सात तुम्हारे,

कोटी किरण पसारे .

तुम हो देव महान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

ऊषाकाल में जब तुम,

उदयाचल आते .

सब तब दर्शन पाते ..

फैलाते उजियारा,

जागता तब जग सारा .

करे सब तब गुणगान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

संध्या में भुवनेश्वर,

अस्ताचल जाते .

गोधन तब घर आते..

गोधुली बेला में,

हर घर हर आंगन में .

हो तव महिमा गान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

देव दनुज नर नारी,

ऋषि मुनिवर भजते .

आदित्य हृदय जपते ..

स्त्रोत ये मंगलकारी,

इसकी है रचना न्यारी .

दे नव जीवनदान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

तुम हो त्रिकाल रचियता,

तुम जग के आधार .

महिमा तब अपरम्पार ..

प्राणों का सिंचन करके,

भक्तों को अपने देते .

बल बृद्धि और ज्ञान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

भूचर जल चर खेचर,

सब के हो प्राण तुम्हीं .

सब जीवों के प्राण तुम्हीं ..

वेद पुराण बखाने,

धर्म सभी तुम्हें माने .

तुम ही सर्व शक्तिमान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

पूजन करती दिशाएं,

पूजे दश दिक्पाल .

तुम भुवनों के प्रतिपाल ..

ऋतुएं तुम्हारी दासी,

तुम शाश्वत अविनाशी .

शुभकारी अंशुमान ..

.. ॐ जय सूर्य भगवान….

जय हो दिनकर भगवान .

जगत के नेत्र रूवरूपा,

तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ..

धरत सब ही तव ध्यान,

ॐ जय सूर्य भगवान ..

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख