सोमवार व्रत में इन नियमों का रखें ध्यान, महादेव की कृपा से हर इच्छा होगी पूरी!
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और भोलेनाथ की पूजा से न सिर्फ जीवन की परेशानियां दूर होती हैं, बल्कि सुख-समृद्धि और मनचाहे फल की प्राप्ति भी होती है. महादेव के साथ माता पार्वती की आराधना करना भी बेहद शुभ माना गया है.

Somvaar Vrat: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और भोलेनाथ की पूजा से न सिर्फ जीवन की परेशानियां दूर होती हैं, बल्कि सुख-समृद्धि और मनचाहे फल की प्राप्ति भी होती है. महादेव के साथ माता पार्वती की आराधना करना भी बेहद शुभ माना गया है. हालांकि, इस दिन व्रत और पूजा करते समय कुछ खास नियमों का पालन जरूरी होता है.
सोमवार व्रत के नियम
1. स्नान और संकल्प: सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें.
2. शिवलिंग पर अर्पण: जल और गंगाजल के साथ शिवलिंग पर दूध, दही, शहद और चमेली का फूल चढ़ाएं.
3. आरती और परिक्रमा: पूजा के बाद दीप जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा आधी ही करें.
4. भोजन का नियम: व्रती को पूरे दिन में केवल एक पहर का भोजन करना चाहिए.
शिव पूजा के खास नियम
• पूजा से पहले हाथ-पैर धोकर शुद्ध हो जाएं और सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें.
• शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी, लाल फूल या सिंदूर न चढ़ाएं.
• पूजा के दौरान तांबे के बर्तन में दूध चढ़ाना वर्जित है.
• व्रत के दिन मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज से परहेज करें.
इन गलतियों से बचें
• शिवलिंग पर चंपा, मालती, केतकी जैसे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है.
• शंख या करताल का प्रयोग शिव पूजा में नहीं करना चाहिए.
• परिक्रमा करते समय शिवलिंग के जलाधारी को न लांघें और जल निकलने वाले स्थान से लौट जाएं.
• व्रत के दौरान झूठ, क्रोध, चोरी और अहंकार से दूर रहें.
सोमवार व्रत का फल
सोमवार व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह व्रत न सिर्फ सुख-शांति और समृद्धि लाता है, बल्कि जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को भी दूर करता है. भोलेनाथ की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.