Shardiya Navratri 2025: कब से है नवरात्रि? जानिए किस पर सवार होकर आएंगी माता दुर्गा और कलश स्थापना का मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र पर्व है, जो साल में 3 बार आने वाली नवरात्रियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है, जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में पड़ता है.
हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार एक वर्ष में तीन बार नवरात्रि के पर्व आते हैं जिसमें देवी दुर्गा की उपासना की जाती है. चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष और माघ माह के नवरात्रि. इन पांच नवरात्रि में चैत्र और अश्विन जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है वह ही मुख्य होते हैं. बाकी गुप्त नवरात्रि होती है. शारदीय नवरात्रि हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है.
नवरात्रि पर नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा होती है. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर घरों और मंदिरों में कलश स्थापना होती है और दुर्गा पाठ, चालीसा और सप्तशती का पाठ किया जाता है. नवरात्रि पर देशभर के मंदिरों में भारी भीड़ होती है. आइए जानते हैं इस वर्ष शारदीय नवरात्रि कब से शुरू हो रहे हैं और कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा.
शारदीय नवरात्रि 2025 कब से ?
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है, जो 01 अक्टूबर तक रहेगी. इस बार शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त योग के संयोग में होगी.
हाथी पर सवार होकर आएंगी माता
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि सोमवार के दिन से शुरू हो रही है और माता दुर्गा पृथ्वी लोक पर हाथी की सवार होकर आएंगी. यानी माता की सवारी इस वर्ष हाथी होगी, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. वार के अनुसार नवरात्रि शुरू होने पर माता की सवारी का निर्धारण होता है. सोमवार और रविवार के दिन नवरात्रि शुरू हो पर माता हाथी पर सवार होकर पृथ्वी लोक पर आती हैं.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है. इसे घट स्थापना भी कहते हैं. कलश स्थापना होने के साथ ही लगातार 9 दिनों तक माता दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा उपासना होती है इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होगी और इसी दिन कलश स्थापना की जाएगी. कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 22 सितंबर को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है. 22 सितंबर को कलश स्थापना के लिए मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुभ तिथियां
- मां शैलपुत्री पूजा- 22 सितंबर 2025
- मां ब्रह्मचारिणी पूजा - 23 सितंबर 2025
- मां चंद्रघंटा पूजा - 24 सितंबर 2025
- मां कूष्मांडा पूजा -26 सितंबर 2025
- मां स्कंदमाता पूजा - 27 सितंबर 2025
- मां कात्यायनी पूजा - 28 सितंबर 2025
- मां कालरात्रि पूजा - 29 सितंबर 2025
- मां महागौरी पूजा - 30 सितंबर 2025
- मां सिद्धिदात्री पूजा - 01 अक्टूबर 2025
- विजय दशमी - 2 अक्टूबर 2025





