शारदीय नवरात्रि 9 नहीं 10 दिनों की, नवरात्रि शुरू होने से पहले घर से जरूर निकाल देना चाहिए ऐसी 6 चींजें
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 20 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक 10 दिनों की होगी. तृतीया तिथि दो दिन होने के कारण एक अतिरिक्त दिन जोड़ा गया है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह और दोपहर में रहेगा. माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है. नवरात्रि से पहले घर से टूटी-फूटी चीजें, बेकार सामान, कांटे वाले पौधे, फटे कपड़े, अशुद्ध खाद्य सामग्री और बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान बाहर निकाल देना चाहिए.

मां दुर्गा की पूजा-उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि इस वर्ष 20 सितंबर से शुरू होगा, जो 01 अक्टूबर दुर्गा नवमी के साथ समाप्त हो जाएगा. हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है, इसमें 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है.
नवरात्रि पर नौ दिनों मां दुर्गा के भक्त व्रत रखते हैं. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 09 दिनों के बजाय 10 दिनों तक होगा. आइए जानते हैं इस शारदीय नवरात्रि की खास-खास बातें, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और महत्व.
9 नहीं 10 दिनों की शारदीय नवरात्रि
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 09 दिनों की नहीं बल्कि 10 दिनों की होगी. ऐसा अनोखा संगोग दोबारा से 9 सालों बाद बना रहा है. इससे पहले इस तरह का संयोग 2016 में बना था, जब नवरात्रि 10 दिनों की थी. दरअसल इस वर्ष तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी जिसके चलते शारदीय नवरात्रि में एक अतिरिक्त दिन की वृद्धि होगी. ऐसे में देवी दुर्गा को भक्तों को मां शक्ति की पूजा-उपासना के लिए एक दिन अतिरिक्त मिलेगा. शास्त्रों के अनुसार जब नवरात्रि की तिथियों में वृद्धि होती है तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है. वहीं जब तिथि घटती है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है. नवरात्रि की बढ़ती हुई तिथि शक्ति, ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर घट स्थापना करते हुए शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर सोमवार को कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 58 मिनट लेकर 07 बजकर 52 मिनट तक चलेगा. वहीं दूसरा कलश स्थापना के लिए दूसरा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 37 मिनट से लेकर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा.
22 सितंबर को हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
हर साल नवरात्रि पर माता दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि पर मां शक्ति हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. शास्त्रों के अनुसार माता का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है. हाथी की सवारी पर माता का आना सुख-समृद्धि, उन्नति और शांति का प्रतीक माना जाता है. माता के वाहन का चुनाव नवरात्रि के शुरू होने वाले दिन यानी वार पर निर्भर करता है. जब रविवार या सोमवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं.
नवरात्रि से पहले घर से निकाले दें ये 5 चीजें
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है. जिसमें नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. नवरात्रि की पर्व ऊर्जा, उमंग, शक्ति, शुद्धता, पवित्रा और सकारात्मकता है प्रतीक होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि की पूजा तभी सफल होती है जब घर-परिवार से नकारात्मकता और दूषित चीजें घर से दूर होती हैं. इस कारण से हर वर्ष नवरात्रि पर्व शुरू होने से पहले घर से कुछ चीजों को बाहर निकाल देना चाहिए.
- टूटी-फूटी हुई चीजें
- बेकार और अनुपयोगी सामान
- कांटे वाले पौधे और सूखे पौधे
- फटे-पुराने कपड़े
- अशुद्ध खाद्य सामग्री
- इलेक्ट्रॉनिक और अन्य बेकार सामान