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शारदीय नवरात्रि पर क्या है अखंड ज्योति जलाने का महत्व और नियम? दूर होते हैं कई तरह के दोष

शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना देवी दुर्गा की उपासना का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. इसे निरंतर जलाकर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक प्रभाव या दोष दूर होते हैं. पूजा के दौरान इसे शुभ मुहूर्त में घर या मंदिर में स्थापित करना चाहिए. ज्योति की अग्नि माता का प्रतीक मानी जाती है और इसके नियमित दर्शन, दीपदान और मंत्र जाप से समृद्धि, सुख-शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. यह परंपरा नवरात्रि के नौ दिन लगातार निभाई जाती है.

शारदीय नवरात्रि पर क्या है अखंड ज्योति जलाने का महत्व और नियम? दूर होते हैं कई तरह के दोष
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( Image Source:  Sora_ AI )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 22 Sept 2025 7:51 AM IST

22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाते हैं. जो 9 दिनों तक चलती हैं और महानवमी तिथि पर समाप्त होती है. शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा का आवहन करते हैं हर दिन उनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा विधि-विधान के साथ होती है. नवरात्रि पर नौ दिनों का व्रत भी रखा जाता है.

इस नवरात्रि पर पहले दिन कलश स्थापना होती और फिर अखंड ज्योति जलाई जाती है. बिना कलश और अखंड ज्योति के नवरात्रि पर मां दुर्गा की साधना अधूरी मानी जाती है. नौ दिनों तक अखंड ज्योति लगातार जलती रहती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह अखंड ज्योति मां दुर्गा के दिव्य रूप, शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक मानी जाती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, अखंड ज्योति से जुड़े कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. आइए जानते हैं नवरात्रि अखंड ज्योति का महत्व क्या होता है.

शारदीय नवरात्रि और अखंड ज्योति

हिंदू धर्म शास्त्रों में अखंड का अर्थ है जो खंडित न हो अर्थात. नवरात्रि पर नौ दिनों तक दीपक जलाने का महत्व होता है. वहीं अगर किसी कारणवश अखंड दीपक जलाना संभव न होत अष्टमी या नवमी के दिन पूजा के समय 24 घंटे के लिए भी अखंड दीपक जरूर जलाएं.

अखंड दीपक जलाने के नियम

नवरात्रि पर अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने के कुछ नियम शास्त्रों में बताया गए हैं.

  • -अखंड दीपक जलाते समय कभी भी समतल जमीन पर नहीं रखना चाहिए.
  • -दीपक के नीचे पहले जौ, चावल या गेहूं की ढेरी के ऊपर दीपक रखें.
  • -इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए.
  • -दीपक के सामने देवी-देवताओं की प्रतिमा का होना शुभ माना गया है.
  • -मिटटी का दीपक साफ होना चाहिए और कहीं से टूटे हुए न हो.
  • -दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए. इसके अलावा कभी भी दीपक से दीपक ना जलाएं. इसे बहुत ही अशुभ माना जाता है.
  • -वास्तु के अनुसार अखंड दीपक स्थापित करने का सबसे शुभ दिशा आग्रेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व की दिशा को माना गया है. इस दिशा में अखंड ज्योति से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

अखंड ज्योति जलाने के लाभ

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से घर में अगर किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा फैली है तो वह दूर हो जाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे घर के सदस्यों को यश और प्रसिद्धि मिलती है. इससे जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट होकर जीवन में सुख-समृद्धि,आयु,आरोग्य और सुखमय जीवन में वृद्धि होती है. अखंड ज्योति में हमेशा गाय के घी का दीपक ही जलाए. इससे घर का वातावरण रोगाणु मुक्त होकर शुद्ध हो जाता है.

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