Shani Mahadasha: क्या शनि की महादशा से हैं परेशान? जानें इसके असर और आसान उपाय
ज्योतिष में शनि की महादशा को एक ऐसा कठिन समय माना जाता है, जो जीवन में कई समस्याओं का कारण बन सकता है. शनि का प्रभाव व्यक्ति को करियर में उतार-चढ़ाव, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में खटास का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है. हालांकि, यह समय जीवन में अनुशासन और धैर्य सिखाने के लिए आता है.
Shani Mahadasha: ज्योतिष में शनि की महादशाको एक ऐसा कठिन समय माना जाता है, जो जीवन में कई समस्याओं का कारण बन सकता है. शनि का प्रभाव व्यक्ति को करियर में उतार-चढ़ाव, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में खटास का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है. हालांकि, यह समय जीवन में अनुशासन और धैर्य सिखाने के लिए आता है.
शनि की महादशा का असर 19 वर्षों तक चलता है, जिसमें व्यक्ति के काम बनते-बनते बिगड़ सकते हैं. इसके अलावा, शनि की साढ़े साती का प्रभाव भी होता है, जो साढ़े सात साल तक चलता है और इसे बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है. आइए जानते हैं शनि की महादशा से राहत पाने के आसान उपाय
अनुशासन और संयम का पालन करें
ज्योतिषाचार्य प्रदुमन सूरी के अनुसार, शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए जीवन में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है. शनि अनुशासन और कर्म का प्रतीक है, इसलिए जीवन में नियमितता बनाए रखने से इसका कुप्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
अहंकार छोड़ें और विनम्र बनें
शनि का प्रभाव विनम्रता सिखाने के लिए होता है. अहंकार को त्यागने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है. यदि व्यक्ति अपने भीतर के घमंड को छोड़ता है तो शनि का असर कम होने लगता है और जीवन में संतुलन बनता है.
शनि मंत्र का जाप करें
शनि की महादशा से राहत पाने के लिए प्रतिदिन ‘ओम शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप लाभकारी होता है. इस मंत्र के नियमित जाप से मानसिक शांति मिलती है और बाधाओं में कमी आती है. शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना और शनि की शिला पर सरसों का तेल चढ़ाना भी प्रभावी होता है.
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और विशेष पूजा-अर्चना करना शनि देव को प्रसन्न करने में सहायक होता है. इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.





