आज से श्रावण माह शुरू, जानिए महादेव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय
भगवान शिव को प्रसन्न करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक, और सांसारिक तीनों ही स्तरों पर अनेक लाभ मिल सकते हैं. हिन्दू धर्म में भगवान शिव को "भोलानाथ" कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.

सावन का महीना 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू हो चुका है. श्रावण माह भगवान शिव की पूजा, भक्ति और आराधना का महापर्व होता है. इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिनों तक चलने वाला होगा, जिसमें चार सावन सोमवार आएंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है. इसलिए सभी शिव भक्तों को हर वर्ष सावन के महीने का इंतजार रहता है. सावन शुरू होते ही भक्तों की भीड़ शिवालय तक पहुंचने लगती है और माहौल हर-हर महादेव के बोल से गूंज उठता है. सावन के महीने में शिव भक्ति का विशेष महत्व होता है.
सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत रखता है. इसके अलावा शिव जी की प्रिय पूजा सामग्री को शिवलिंग पर अर्पित करते हुए भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करता है. लेकिन इन सबमें एक उपाय बहुत ही कारगर, सरल और बहुत ही प्रभावशाली होता है. वह है सावन में शिव चालीसा का पाठ करना. भगवान शिव जहां एक लोटे जल अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं, वहीं जो लोग पूरी श्रद्धा और भक्ति से सावन में शिव चालीसा का पाठ करते हैं, शिवजी उसकी सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं.
शिव चालीसा का पाठ का महत्व
भगवान शिव की आराधना और पूजा-पाठ के लिए शिव चालीसा एक भक्ति स्त्रोत है, जिसमें 40 चौपाईयां होती हैं. इन 40 चौपाईयों में भगवान शिव के विराट स्वरूप, गुणों और लीलाओं का वर्णन मिलता है. शिव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को ऊर्जा और मन को शांति मिलती है. शिव चालीसा का पाठ करने से जहां एक तरफ भय, रोग, कष्ट और दरिद्रता से मुक्ति मिलती वहीं इसके पाठ से भगवान शिव के समीप होने का एहसास होता है. शिव चालीसा का पाठ करने से सुख-समृद्धि मिलने के साथ जीवन में से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
पाठ करने के नियम और लाभ
भगवान शिव को भोले भंडारी कहा जाता है. यह बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. भोलेनाथ को मात्र एक लोटा जल और एक बेलपत्र अर्पित करने से प्रसन्न किया जा सकता है. भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वैसे तो को किसी विशेष तरह की पूजा करने की ज्यादा जरूरत नहीं होती है. बस सच्चे मन और श्रद्धा से जलाभिषेक और शिव चालीसा का पाठ ही काफी होता है. भगवान शिव का साधना के लिए शिव चालीसा का पाठ करने से पहले स्नानकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें और मन में श्रद्धा और पवित्रता का भाव रखें. फिर इसके बाद घर में बने मंदिर के समीप या फिर किसी शिव मंदिर में बैठकर एकाग्र होकर शिव चालीसा का पाठ शुरू करें. वैसे तो आम दिनों में सुबह और शाम के समय शिव चालीसा का पाठ करना ज्यादा शुभ होता है, लेकिन सावन माह में किसी भी समय शिव चालीसा का पाठ किया जा सकता है. इसके अलावा सावन सोमवार, सावन शिवरात्रि और सावन प्रदोष पर शिव चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी होता है. शिव चालीसा का पाठ करने में हर एक शब्दों का उच्चारण बहुत ही ध्यान से करना चाहिए. शिवभक्तों को सावन के महीने में शिव कृपा पाने के लिए हर दिन शिव चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए.