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11 जुलाई से सावन का महीना शुरू, जानें कैसे रखना चाहिए सोमवार का व्रत

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. भक्त सोमवार के व्रत (श्रावण सोमवार) रखते हैं और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि चढ़ाते हैं. यह माना जाता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को योग्य वर मिलता है और विवाहित स्त्रियों के वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है.

11 जुलाई से सावन का महीना शुरू, जानें कैसे रखना चाहिए सोमवार का व्रत
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 9 July 2025 6:43 PM

हिंदू पंचांग के सभी महीनों में सावन का महीना बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है. यह पूरा महीना शिवजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित रहता है. शिवभक्ति और शिवशक्ति के माध्यम से इस माह में पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के चार माह के लिए क्षीर सागर में योग निद्रा में होने के कारण सावन माह में सृष्टि का संचालन महादेव करते हैं. सावन माह के हर एक दिन और कुछ विशेष अवसरों पर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हुए पूजा-आराधना होती है. आइए जानते हैं सावन माह का महत्व और पूजा विधि.

सावन माह भगवान शिव को क्यों होता है प्रिय ?

सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है. यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा-आराधना और उनकी कृपा के लिए समर्पित होता है. क्या आप जानते हैं आखिर सावन का महीना ही भगवान भोलेनाथ को क्यों होता है अत्याधिक प्रिय. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था तब उस दौरान हलाहल विष निकला था. विष के प्रकोप से समूची सृष्टि में हाहाकर मच गया था. तब भगवान शिव ने विष के प्रभाव को सृष्टि से खत्म करने के लिए इसका पान किया था और अपने कंठ में रोक लिया था. विष के प्रभाव से भगवान भोलेनाथ का पूरा शरीर तपने लगा था. तब सभी देवी-देवतओं और ऋषि-मुनियों ने शिवजी का ठंडे जल से लगातार अभिषेक किया था, जिसके कारण शिव जी के शरीर का ताप कम हुआ था. शिवजी के विष को कंठ में धारण करने वे नीलकंठ कहलाए और जलाभिषेक करने से शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. सावन का महीने में बारिश सबसे ज्यादा होती है, जिसके कारण वातावरण में ठंडक रहती है इस कारण से भी शिव जी को सावन का महीना बहुत ही प्रिय होता है. वहीं एक दूसरी धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हे पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इस कारण से शिवजी को सावन का महीना बहुत ही प्रिय होता है.

सावन में शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

सावन में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने से भक्तों की हर एक मनोकामना पूरी होती है. सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस और गंगाजल चढ़ाना चाहिए. शिवलिंग पर भस्म और चंदन का लेप भी करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा सामग्री अर्पित करते समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.

ऐसे करें सावन सोमवार का व्रत

सावन माह में पड़ने वाले हर सोमवार का विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार का व्रत रखने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है. ऐसे में सावन सोमवार का व्रत रखते समय सुबह जल्दी स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. फिर शिवलिंग पर गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद शिव मंत्रों का जाप करते समय बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, दूध और दही से शिवजी का अभिषेक करें और शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें. दिनभर फलाहर रहते हुए शाम के समय शिवजी के परिवार की पूजा, कथा और आरती करें. अगले दिन व्रत का पारण करें.

सावन 2025 की सोमवार की तिथियां

11 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. इस बार सावन के महीने में चार सोमवार आएंगे. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा 4 अगस्त को रखा जाएगा. 09 अगस्त को श्रावण माह खत्म हो जाएगा.

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