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Saubhagya Sundari Teej 2024: जानें सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत का महत्व और कथा, कैसे मिलेगा अखंड सौभाग्य!

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत के साथ ही हिन्दू कैलेंडर में सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत भी मनाया जाता है. यह व्रत खासतौर पर सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है और इसे विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा के रूप में जाना जाता है.

Saubhagya Sundari Teej 2024:  जानें सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत का महत्व और कथा, कैसे मिलेगा अखंड सौभाग्य!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 18 Nov 2024 6:12 PM

Saubhagya Sundari Teej 2024: मार्गशीर्ष माह की शुरुआत के साथ ही हिन्दू कैलेंडर में सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत भी मनाया जाता है. यह व्रत खासतौर पर सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है और इसे विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा के रूप में जाना जाता है. इस साल यह व्रत 18 नवंबर को आयोजित हो रहा है और महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखती हैं.

सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व

इस व्रत का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि, संतान सुख और पारिवारिक खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त करना होता है. सौभाग्य सुंदरी तीज को करवा चौथ की तरह ही महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. इस दिन व्रत रखने से न सिर्फ महिलाएं अपनी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, बल्कि यह व्रत उन्हें मंगल दोष से भी मुक्ति दिलाता है.

व्रत कथा

इस व्रत से जुड़ी एक प्राचीन कथा के अनुसार, देवी सती ने एक बार अपने पिता के अपमान और भगवान शिव का अपमान सहन नहीं किया और अपने शरीर का त्याग कर दिया. अपने पिता से नाराज होकर उन्होंने यह वादा किया कि वह हर जन्म में भगवान शिव की पत्नी के रूप में ही लौटेंगी. इसके बाद, उनका जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ, जिन्होंने भगवान शिव को अपना पति पाने के लिए घोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. तभी से यह व्रत महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है.

कैसे करें व्रत?

इस व्रत के दौरान महिलाएं दिनभर उपवासी रहती हैं और खास रूप से देवी पार्वती की पूजा करती हैं. उनके सामने 16 श्रृंगार की सामग्री रखी जाती है, और वे विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं. इस व्रत को करने से महिलाओं के जीवन में न केवल सौभाग्य और समृद्धि आती है, बल्कि घर में सुख-शांति का वातावरण भी बनता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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