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138 दिनों तक शनि मीन राशि में रहेंगे वक्री, जानिए आपकी राशि पर शनि का कैसा रहेगा प्रभाव?

13 जुलाई 2025 से शनि देव मीन राशि में वक्री हो रहे हैं और 138 दिनों तक इसी स्थिति में रहेंगे. शनि का वक्री होना 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा. मेष, सिंह, धनु और मीन राशि वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए, जबकि मिथुन, तुला और मकर राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल हो सकता है. सेहत, धन, कार्य और रिश्तों में प्रभाव देखने को मिलेंगे. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित जातकों को विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है.

138 दिनों तक शनि मीन राशि में रहेंगे वक्री, जानिए आपकी राशि पर शनि का कैसा रहेगा प्रभाव?
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( Image Source:  AI generated )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Published on: 14 July 2025 1:43 PM

न्याय और कर्मफलदाता शनिदेव 13 जुलाई 2025 से मीन राशि में रहते हुए वक्री हो रहे हैं. शनि मीन राशि में 138 दिनों तक रहेंगे, फिर इसके बाद 28 नवंबर को फिर से मीन राशि में ही रहते हुए मार्गी हो जाएंगे. यहां पर वक्री होने का मतलब उल्टी चाल और मार्गी होने का अर्थ सीधी चाल से चलना होता है.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. यह एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं फिर इसके बाद दूसरी राशि में जाते हैं. शनि के मंद गति से चलने के कारण इनका असर जिन-जिन राशियों पर रहता है काफी समय तक उनके जीवन पर प्रभाव डालते हैं. आइए जानते हैं मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि का वक्री होना सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा.

मेष राशि

मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है और आपकी राशि में शनि द्वादश भाव में वक्री हुए हैं. ऐसे में आपके खर्चों में बढ़ोतरी और मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा. कार्यों में उतना परिणाम नहीं मिलेगा जितना मिलना चाहिए. कार्यों में बाधाएं आएंगी और धन खर्चों में वृद्धि देखने को मिलेगी.

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनिदेव एकादश भाव में वक्री होंगे. कुंडली का एकादश भाव लाभ और आय का होता है ऐसे में आय में कमी आ सकती है. धन हानि भी हो सकती है. सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना उनके दशम भाव यानी कर्म के स्थान पर होगा. शनि कर्म के कारक ग्रह है जिससे इनका वक्री होना आपके कार्यक्षेत्र में तरक्की और उपलब्धियां दिला सकते हैं. लाभ के मौकों में इजाफा होगा.

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शनि का वक्री होना आपके नवम भाव यानी भाग्य भाव में होगा. इससे आपको लाभ मिलने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

सिंह राशि

सिंह राशि वालों पर इस समय शनि की ढैय्या चल रही है और अब शनि का वक्री होना आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है. शनि यहां से अष्टम भाव में वक्री होंगे. ऐसे में आपको कुछ मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. सेहत संबंधी परेशानियों में इजाफा हो सकता है.

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शनि सातवें भाव में वक्री होंगे. शनि यहां पर मिलाजुला फल प्रदान करेंगे. लेकिन वैवाहिक जीवन में साथी संग कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शनि छठे भाव में वक्री होंगे. जिससे शनि की कृपा इस राशि के जातकों को मिलेगी. ज्यादा परेशान होनी की जरूरत नहीं है.

वृश्चिक राशि

शनि के वक्री होने से वृश्चिक राशि वालों के लिए उनके पंचम भाव पर प्रभाव पड़ेगा. इस दौरान संतान से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं. आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण करना होगा.

धनु राशि

शनि का मीन राशि में वक्री होना धनु राशि वालों के चौथे भाव जो कि सुख और माता का होता है वहां से होगा. आने वाला समय आपके लिए तनाव और परेशानयों से भरा रहा सकता है. इसके अलावा आपके ऊप शनि की ढैय्या भी चल रही है जिससे माता के साथ कुछ मतभेद भी हो सकता है.

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शनि का वक्री होना आपके राशि से तीसरे भाव में शनि होंगे. ऐसे में भाईयों संग मतभेद और तनाव का सामना करना पड़ सकता है. काम में सामान्य ढ़ंग से चलेगा और साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी.

कुंभ राशि

आपकी राशि में शनि दूसरे भाव यानी धन के भाव में वक्री होंगे. ऐसे में धन के मामले में आपको थोड़ा संभलकर चलना होगा. ऐसे में आपको किसी धन उधार देने के बचें और निवेश संबंधी कोई भी फैसला टाल दें. आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है.

मीन राशि

आपकी राशि में ही शनि वक्री हो रहे हैं जिससे आपको संभलकर चलना होगा. आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी है . ऐसे में कुछ धन और सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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