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Raksha Bandhan 2025: श्रावण पूर्णिमा दो दिन और 9 अगस्त को रक्षाबंधन, क्या राखी पर रहेगा भद्रा का साया?

रक्षा बंधन हिन्दू धर्म का एक पवित्र और भावनात्मक पर्व है, जिसे श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, विश्वास, और संरक्षण के प्रतीक रूप में मनाया जाता है. "रक्षा" का अर्थ है सुरक्षा, और "बंधन" का अर्थ है बंधन या संबंध.

Raksha Bandhan 2025: श्रावण पूर्णिमा दो दिन और 9 अगस्त को रक्षाबंधन, क्या राखी पर रहेगा भद्रा का साया?
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( Image Source:  AI Perplexity )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 31 July 2025 6:03 PM IST

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व होता है. यह त्योहार हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि 8 और 9 अगस्त को रहेगी. हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 08 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी जो यह दूसरे दिन यानी 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 20 मिनट तक रहेगी.

उदया तिथि के आधार पर रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा और पूर्णिमा का व्रत 08 अगस्त को रखा जाएगा. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा जिससे पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी.

रक्षाबंधन पर बन रहे ये संयोग

इस वर्ष भद्रा रहित काल में रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त, शनिवार के दिन मनाया आएगा. पंचांग के मुताबिक इस बार रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र में रहेगा. आपको बता दें कि इस नक्षत्र के अधिपति देवता भगवान विष्णु है और शनिवार के देवता शनिदेव हैं. रक्षाबंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में होंगे जिससे स्वामी शनि हैं. इस तरह से रक्षाबंधन पर भगवान शिव, न्याय के देवता शनि और सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत ही सुंदर योग बन रहा है. इसके अलावा श्रावण माह के अंतिम दिन पूर्णिमा पर भगवान शिव का जलाभिषेकर करना बहुत ही लाभकारी साबित होगा.

श्रावण पूर्णिमा पर इन भगवान की करें पूजा

श्रावण पूर्णिमा के दिन जहां बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनकी सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं, वहीं इस दिन सावन का अंतिम दिन होने के कारण भगवान शिव-पार्वती,गणेश,कार्तिकेय और नंदी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन शिवलिंग की पूजा पंचामृत चढ़ाने और रुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं, शिवजी पर दूध चढ़ाने से कुंडली में चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है.

रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा जिसके कारण राखी बांधने के लिए काफी समय मिलेगा. 09 अगस्त को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त होगा. इस मुहूर्त में भाई की कलाई में राखी बांधना बहुत ही शुभ रहेगा.

ऐसे बांधें भाई को राखी

रक्षाबंधन के दिन रंगोली से घर को सजाएं. फिर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रहते हुए पूजा के लिए एक थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें चंदन, रोली, अक्षत, राखी, मिठाई, फूल और एक घी का दीया रखें. दीपक जलाकर सबसे पहले अपने ईष्टदेव को तिलक लगाकर राखी बांधें और आरती उतारकर मिठाई का भोग लगाएं. फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं. इसके बाद उनके सिर पर रुमाल या कोई वस्त्र रखें. अब भाई के माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का तिलक लगाकर उसके हाथ में नारियल दें. इसके बाद "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:" इस मंत्र को बोलते हुए भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें. भाई की आरती उतारकर मिठाई खिलाएं .

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