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आखिर क्यों मृत्यु के बाद शव को नहीं छोड़ा जाता अकेले, जानें क्या कहता है गरुड़ पुराण?

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार, शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता.

आखिर क्यों मृत्यु के बाद शव को नहीं छोड़ा जाता अकेले, जानें क्या कहता है गरुड़ पुराण?
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( Image Source:  sora ai )
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 20 Nov 2025 5:37 PM IST

Garuda Puran: हिंदू धर्म के चार वेदों और 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण है, जिसमें जीवन और मृत्यु से जुड़े कई रहस्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है. खासतौर पर मृत्यु के बाद, परिवार में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है ताकि मृतक की आत्मा को मोह-माया से मुक्त होने में सहायता मिले. गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार, शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता.

शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता?

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद शव को अकेला छोड़ना शुभ नहीं माना जाता. खासकर रात के समय, जब नकारात्मक शक्तियां और बुरी आत्माएं अधिक सक्रिय होती हैं. इस दौरान शव में नकारात्मक शक्तियां का प्रवेश करने का खतरा बना रहता है. यह न केवल मृत आत्मा के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी संकट में डाल सकता है. ऐसेे में कभी भी शव को रात के समय अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

गरुड़ पुराण बताता है कि आत्मा मृत्यु के बाद शरीर के आसपास ही रहती है और कभी-कभी वापस शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती है, क्योंकि आत्मा का शरीर से अभी भी जुड़ाव होता है. इसलिए, शव को अकेला छोड़ने से आत्मा परेशान हो सकती है और उसे मोह-माया से मुक्त होने में कठिनाई हो सकती है.

अन्य कारण और तांत्रिक क्रियाओं का भय

गरुड़ पुराण के अनुसार, शव के आसपास चीटियां या कीड़े-मकौड़े आने का डर भी रहता है, जिससे शव को क्षति हो सकती है. इसलिए, शव के पास किसी का हमेशा मौजूद रहना आवश्यक होता है. इसके अलावा, रात के समय तांत्रिक क्रियाएं अधिक की जाती हैं और इस दौरान शव को अकेला छोड़ने से आत्मा पर बुरी शक्तियों का प्रभाव पड़ सकता है.

शव से निकलने वाली गंध भी बैक्टीरिया के पनपने का कारण बन सकती है. इसलिए, वहां धूप या अगरबत्ती जलाने की परंपरा है ताकि वातावरण शुद्ध बना रहे. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि शव की सुरक्षा और आत्मा की शांति के लिए शव को कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

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