Begin typing your search...

Gajkesari Rajyog: कुंडली में गजकेसरी राजयोग बनने पर व्यक्ति को मिलता है ऊंचा मुकाम और बनता है धनवान

अगर चंद्रमा गुरु से केंद्र के भाव में हो या फिर चंद्रमा पर गुरु की द्दष्टि पड़े तो यह योग बनता है. इसके अलावा जब देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि के साथ हो या चंद्रमा उच्च राशि में गुरु के साथ हो तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है.

Gajkesari Rajyog: कुंडली में गजकेसरी राजयोग बनने पर व्यक्ति को मिलता है ऊंचा मुकाम और बनता है धनवान
X
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 30 May 2025 12:43 PM IST

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी जातक का जन्म होता है तो उसी समय ग्रहों औ नक्षत्रों के संयोजन से जन्म कुंडली का भी निर्धारण हो जाता है. यह जन्म कुंडली ताउम्र उस जातक के भविष्य में शुभ-अशुभ घटनाओं का निर्धारण हो जाता है. जन्म के एक विशेष परिस्थिति में ग्रहों के स्थितियों के आधार पर कई तरह के शुभ-अशुभ योगों का निर्माण होता है. ये योग ही जातक के वर्तमान और भविष्य में अच्छे या बुरे प्रभाव डालते हैं.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में कई तरह के राजयोगों के बारे में विस्तार से बताया गया है. कुंडली में शुभ राजयोग बनने से व्यक्ति के जीवन में सुख, संपत्ति, वैभव, धन-दौलत, मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है. कुंडली में बनने वाले कई तरह के राजयोगों में एक राजयोग गजकेसरी राजयोग होता हैं. आइए जानते हैं कुंडली में बना गजकेसरी राजयोग व्यक्ति के जीवन पर किस तरह का प्रभाव डालता है और राजयोग कैसे बनता है.

गुरु-चंद्रमा की युति से बनता है गजकेसरी राजयोग

जब किसी जातक की जन्म कुंडली में मन का कारक ग्रह चंद्रमा और धन का कारक ग्रह बृहस्पति की आपस में युति होती है तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी राजयोग को बहुत ही शुभ माना जाता है. कुंडली के केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में चंद्र- गुरु की युति होने पर गजकेसरी योग बनता है. इसके अलावा अगर चंद्रमा गुरु से केंद्र के भाव में हो या फिर चंद्रमा पर गुरु की द्दष्टि पड़े तो यह योग बनता है. इसके अलावा जब देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि के साथ हो या चंद्रमा उच्च राशि में गुरु के साथ हो तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है.

कुंडली में गजकेसरी राजयोग का प्रभाव

जन्म कुंडली में गजकेसरी राजयोग बनने पर जातक बहुत ही धन, दीर्धायु, धन-दौलत से संपन्न , उच्च पदों पर आसीन होता है. ऐसा जातक अपने जीवन काल में बहुत सारा धन, संपदा और ऐशोआराम की प्राप्ति करता है. ऐसे लोग बहुत ही बुद्धिमान, साहसी और तेज-तर्रार होते हैं. ये बहुत ही मेहनती और जुनूनी स्वभाव के होते हैं.

गजकेसरी राजयोग के फायदे

- जब किसी जातक के पहले भाव में गजकेसरी राजयोग बनाता है तो जातक पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला और उत्तम स्वास्थ्य वाला होता है.

- कुंडली के चौथे भाव में गजकेसरी राजयोग बनने पर राजा जैसा जीवन व्यातीत करता है और जीवन का हर एक सुख प्राप्त करता है.

- कुंडली के सप्तम भाव में गुरु-चंद्रमा की युति से जातक बहुत बड़ा व्यापारी बन सकता है.

- कुंडली के भाग्य भाव यानी नवम घर में गजकेसरी राजयोग बनता है तो जातक को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है.

- कुंडली के दशम भाव में इस राजयोग का निर्माण होने से व्यक्ति करियर में ऊंचे पद को प्राप्त करता है.

- कुंडली के एकादश भाव में गजकेसरी राजयोग बनने पर जातक कई प्रभावशाली और शक्तिशाली लोगों से संपर्क स्थापित करता है और खूब धन कमाता है.

- कुंडली के 12वें भाव में गजकेसरी राजयोग बनने पर जातकों को विदेश में सुख की प्राप्ति होती है.

धर्म
अगला लेख