Neelam Gemstone: नीलम रत्न धारण करने से चमक उठती है इन राशि वालों की किस्मत, जीवनभर रहती है शनिदेव की कृपा
ज्योतिष में नीलम रत्न को विशेष स्थान प्राप्त है। यह रत्न शनिदेव से जुड़ा होता है और जीवन में तेजी से सकारात्मक प्रभाव लाता है. नीलम धारण करने से व्यक्ति के साहस, आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. हालांकि, इसे धारण करने से पहले कुंडली का विश्लेषण जरूरी है. विशेष विधि से शनिवार के दिन नीलम पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है.

ज्योतिष में रत्नों का खास महत्व होता है. किसी जातक की जन्म कुंडली का अध्ययन करते हुए उसमें मौजूद कमजोर ग्रह को बली बनाने के लिए रत्न धारण करने की सलाह ज्योतिषियों द्वारा दिया जाता है. रत्नों को धारण करने से पहले कुंडली का सूक्ष्म अध्ययन किसी योग्य ज्योतिषी के द्वारा जरूर करवाना चाहिए. ज्योतिष में जिस तरह से नौ ग्रह, 12 राशियां और 12 भाव के विश्लेषण का विशेष महत्व होता है, उसी प्रकार सात महत्वपूर्ण रत्न भी होते हैं.
ये रत्न होते हैं- माणिक्य, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा और नीलम. ये रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं. जैसे माणिक्य रत्न सूर्य देव और मोती चंद्र देव, मूंगा मंगल का प्रतिनिधित्व करते हैं वैसे ही नीलम रत्न का संबंध शनिदेव से होता है. आज हम आपको नीलम रत्न के महत्व, इसके फायदे और धारण करने की पूरी विधि बताएंगे.
नीलम रत्न का महत्व
जिन जातकों की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर या फिर अशुभ भाव में होते हैं तो इसे मजबूत करने के लिए ज्योतिषी नीलम रत्न को पहनने की सलाह देते हैं. नीलम के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति के ज्ञान, साहस और धैर्य में वृद्धि होती है. इसके अलावा तनाव से मुक्ति मिलती है और मन को शांति मिलती है. जो व्यक्ति नीलम धारण करता है उस व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान और रूतबा बढ़ता है और सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति करता है. नीलम सभी रत्नों में एक ऐसा रत्न होता है जिसका असर तुरंत दिखाई देने लगता है. आइए जानते हैं किन राशि वालों को नीलम धारण करना चाहिए.
इन राशि वालों के लिए नीलम शुभ
नीलम रत्न पर शनिदेव का आधिपत्य होता है. रत्न शास्त्र के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि देव उच्च के होते हैं यानी शनि तुला राशि में विराजमान होते हैं उन्हे नीलम रत्न धारण करना चाहिए. इसके अलावा कुंभ और मकर राशि के जातक भी नीलम धारण कर सकते हैं. आपको बता दें कि कुंभ और मकर राशि पर शनि का आधिपत्य होता है. तुला, मकर और कुंभ राशि के अलावा वृषभ, मिथुन और कन्या राशि के लोगों के लिए नीलम पहनना शुभ साबित होता है. वहीं जिन लोगों की कुंडली में अगर शनि कमजोर हैं तो वे लोग भी नीलम पहन सकते हैं. लेकिन नीलम धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी को अपनी जन्म कुंडली जरूर दिखा लें. इसके बाद ज्योतिषी की सलाह पर नीलम धारण करें. इससे अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि नीलम के साथ मूंगा और माणिक्य रत्न न पहनें. नहीं तो शुभ परिणाम की जगह अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है.
नीलम पहनने से लाभ
रत्न शास्त्र में नीलम का विशेष महत्व होता है. नीलम रत्न पहनने से व्यक्ति के मान-सम्मान, करियर और कारोबार में अच्छी ग्रोथ होती है और व्यक्ति एक अच्छे मुकाम को हासिल करता है. नीलम धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और कार्यकुशलता में वृद्धि होती है. नीलम पहनने से व्यक्ति का मन शांत होता है और विपरीत परिस्थितियों में डटकर मुकाबला करता है.
नीलम धारण करने की विधि
नीलम को एक बहुमूल्य रत्न माना जाता है और इसकी शुद्धता सही होनी चाहिए. किसी अच्छे जगह से ही नीलम खरीदकर लाना चाहिए. नीलम सवा 7 या सवा 8 रत्ती का होना चाहिए. नीलम को अंगूठी या पैंडल में पहनना चाहिए. इस पंचधातु या चांदी में पहन सकते हैं. नीलम को धारण करने के पहले उसे गंगाजल और कच्चे दूध में डाल कर शुद्ध कर लेना चाहिए फिर इसके बाद ही पहनें. नीलम को मध्यमा ऊंगली में शनिवार के दिन पहनना लाभकारी माना गया है.