Begin typing your search...

Ahoi Ashtami 2024: इन चीजों के बिना अधूरा है अहोई अष्टमी, जानें पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

होई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया जाता है. इस बार यह पावन दिन गुरुवार, 24 अक्टूबर को पड़ रहा है. यह व्रत खासकर माताएं अपनी संतानों की लंबी उम्र, खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. इसके अलावा वे महिलाएं जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, वे भी पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं.

Ahoi Ashtami 2024: इन चीजों के बिना अधूरा है अहोई अष्टमी, जानें पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 22 Oct 2024 7:23 PM

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया जाता है. इस बार यह पावन दिन गुरुवार, 24 अक्टूबर को पड़ रहा है. यह व्रत खासकर माताएं अपनी संतानों की लंबी उम्र, खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. इसके अलावा वे महिलाएं जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, वे भी पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं.

अहोई अष्टमी पूजा सामग्री की सूची

अहोई अष्टमी व्रत को पूरा करने के लिए कुछ विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है. यहां पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की सूची दी गई है

अहोई माता की तस्वीर या मूर्ति

श्रृंगार का सामान जैसे काजल, बिंदी, चूड़ियां, आलता, सिंदूर और लाल चुनरी

पानी के लिए मिट्टी का कलश

गंगाजल और करवा

फूल, धूपबत्ती और दीया

गाय का घी

रोली, कलावा और अक्षत (चावल)

सूखा आटा (चौक बनाने के लिए)

गाय का दूध (कच्चा)

अहोई अष्टमी पूजा सामग्री से जुड़े नियम

अहोई अष्टमी की पूजा के लिए सामग्री खरीदते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. सबसे पहले, सारी पूजा सामग्री को साफ-सुथरे स्थान पर रखें. पूजा से पहले किसी भी सामग्री का उपयोग न करें और न ही फलों को चखें. माता अहोई को अर्पित किए जाने वाले श्रृंगार का सामान हमेशा नया होना चाहिए. पूजा के बाद यह सामान अपनी सास या जेठानी को भेंट कर सकते हैं या मंदिर में दान कर सकते हैं.

इसके अलावा, पूजा में इस्तेमाल होने वाला गाय का दूध हमेशा कच्चा ही होना चाहिए. इसे उबालने की आवश्यकता नहीं है. कच्चा और शुद्ध दूध ही पूजा में शामिल करें.

इस प्रकार, इन विधियों और पूजा सामग्री के साथ अहोई अष्टमी का व्रत पूर्ण किया जाता है, जिससे संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख