आरोपी ने कहा फांसी दे दो... जज बोले तथास्तु, ऐसा क्या गुनाह किया?
आरोपी ने साल 2021 में अपनी बुआ की 5 साल की बेटी के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले को रेयरेस्ट माना है.

मध्य प्रदेश के हौशंगाबाद की कोर्ट में रेप और हत्या के एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान जज ने आरोपी को पहले अपनी संस्कृति का ज्ञान कराया. इसके लिए श्रीराम चरित मानस की चौपाई सुनाई और बताया कि उसने जो वारदात किया है, उसके लिए फांसी की सजा भी कम है. लेकिन भारत के कानून में फांसी से बड़ी कोई सजा नहीं है. फिर उसे फांसी की सजा सुनाई. आरोपी ने तीन साल पहले अपने बुआ की 5 साल की बेटी के साथ रेप किया था. वहीं पकड़े जाने के डर से आरोपी ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी थी. ऐसे में जज ने आरोपी से पूछा कि उसे कुछ कहना है क्या?
इसके जवाब में आरोपी ने कहा कि अब कहने के लिए बचा ही क्या है, उसे बस फांसी मिल जाए. इसके बाद जज ने आरोपी समेत भरी अदालत को श्रीराम चरित मानस में किष्किंधा कांड की चौपाई- ‘अनुज बधू भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी॥ इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई।ताहि बधे कछु पाप न होई।।’ सुनाई. इसके बाद फांसी का ऑर्डर लिखते हुए जज ने कहा कि इस तरह के अपराध के लिए फांसी की सजा भी कम है. दरअसल श्रीराम चरित मानस के किष्किंधा कांड में यह चौपाई उस समय कही गई है, जब भगवान राम ने सुग्रीव के बड़े भाई बालि पर वाण मार देते हैं. उस समय बालि उनसे पूछता है कि उसकी क्या गलती है. उस समय भगवान बालि को उसके अपराध का ज्ञान कराते हुए कहते हैं कि छोटे भाई की पत्नी, बहन की बेटी, और पुत्रवधु पर कुदृष्टि डालने वाले व्यक्ति का वध भी कर दिया जाए तो उसे पाप नहीं लगता है.
यह है मामला
हौशंगाबाद के शोभापुर कस्बे में 25 दिसंबर 2021 को एक पांच साल की बच्ची का शव उसकी घर की छत पर मिला था. इस बच्ची के साथ रेप किया गया था. पुलिसने मामले की जांच की. इस दौरान पता चला कि यह वारदात किसी और ने नहीं, बल्कि उसी बच्ची के मामा के 22 वर्षीय बेटे ने अंजाम दिया है.इसके बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई और इसी क्रम में बुधवार को आरोपी के खिलाफ सजा सुनाई गई.