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Makar Sankranti 2025: इस दिन क्यों खाई जाती है खिचड़ी और दही-चूड़ा, जानें कारण

मकर संक्रांति के दिन सर्दी का मौसम खत्म होने लगता है और धीरे-धीरे गर्मी का मौसम शुरू होता है. यह मौसम परिवर्तन का संकेत है, जिसे नई शुरुआत और जीवन में ताजगी का प्रतीक माना जाता है. इस दिन को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है.

Makar Sankranti 2025:  इस दिन क्यों खाई जाती है खिचड़ी और दही-चूड़ा, जानें कारण
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( Image Source:  Instagram/angikamanjusha )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 7 Nov 2025 1:53 PM IST

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का खास महत्व है. इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. यह पर्व खासतौर पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाया जाता है, जिसे उत्तरायण की शुरुआत माना जाता है. मकर संक्रांति को सूर्य देवता की पूजा का दिन माना जाता है.

इस दिन लोग सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. मकर संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व है. इसे पुण्य प्राप्ति का दिन माना जाता है और लोग इस दिन गरीबों को वस्त्र, अन्न, तिल, गुड़ आदि दान करते हैं. साथ ही, इस दिन कई राज्यों में खिचड़ी तो अन्य में दही-चूड़ा खाने का रिवाज है. चलिए जानते हैं आखिर इस दिन क्यों खाई जाती हैं ये चीजें?

खिचड़ी खाने का धार्मिक महत्व

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है. इस दिन को सूर्य के उत्तरायण होने के साथ जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में इस दिन खिचड़ी खाना शुद्धता और संतुलन को दर्शाता है. यह एक प्रकार से पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, यह त्योहार सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ने के समय पर आता है. इस समय सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे मौसम में बदलाव होता है. ऐसे में खिचड़ी खाई जाती है, जो हल्का, पौष्टिक और पचने में आसान भोजन है.

इन राज्यों में खाया जाता है दही-चूड़ा

मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा खाने की परंपरा का विशेष महत्व है. खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे क्षेत्रों मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा खाया जाता है. इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं.

क्यों खाया जाता है दही-चूड़ा?

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को भोग के रूप में दही-चूड़ा खिलाया जाता है. दही-चूड़ा शरीर को ठंडक पहुंचाता है. चूड़ा में ज्यादा एनर्जी होती है और दही में नैचुरल प्रोबायोटिक्स होते हैं, जिन्हें डाइजेस्ट करना आसान होता है. इसके अलावा, तिल और गुड़ का सेवन मकर संक्रांति पर विशेष रूप से किया जाता है. तिल में गर्मी देने वाले गुण होते हैं और गुड़ से शरीर को शुद्धता मिलती है.


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