लोहड़ी के खास मौके पर इन गुरुद्वारों में देखने को मिलती है रौनक, हजारों की संख्या में माथा टेकते हैं भक्त
लोहड़ी का त्योहार सर्दियों के अंत और गर्मी की शुरुआत का प्रतीक है. यह खासकर रबी फसलों जैसे गेहूं, गन्ना, मक्का, मूंगफली की कटाई का समय मनाया जाता है. इसे फसल कटाई के बाद आने वाली समृद्धि और खुशहाली के रूप में मनाया जाता है.

लोहड़ी एक प्रमुख पंजाबी त्योहार है. यह त्योहार खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है. यह त्योहार मकर संक्रांति से एक पहले मनाया जाता है. इस बार 13 जनवरी को लोहड़ी मनाई जाएगी. इस दिन गुरुद्वारों की रौनक देखने लायक होती है. गुरुद्वारों में हजारों की संख्या में भक्त जाते हैं. जहां लंगर सेवा भी की जाती है.
भारत में कई गुरुद्वारे हैं, जिनका धार्मिक महत्व अधिक है. ऐसे में लोहड़ी के दिन आप कुछ ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन कर सकते हैं. चलिए जानते हैं भारत के सबसे फेमस गुरुद्वारों के बारे में.
स्वर्ण मंदिर
लोहड़ी के दिन अमृतसर के गोल्डन टेंपल की रौनक देखने लायक होती है. हालांकि, इस दिन गुरुद्वारे में रोजाना भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन लोहड़ी के दिन भक्तों की संख्या दोगुना बढ़ जाती है. यह मंदिर सिखों के पूरे इतिहास, धर्म और संस्कृति का प्रतीक है. इस पवित्र स्थान को मूल रूप से श्री हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है.
गुरुद्वारा बंगला साहिब
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली में स्थित एक प्रमुख सिख गुरुद्वारा है. यह गुरुद्वारा सिक्खों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित है. गुरुद्वारा बंगला साहिब का ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है. माना जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह जी जब दिल्ली में थे, तब वे इस स्थान पर रुके थे. यहां एक छोटे से घर (बंगला) में उन्होंने कुछ समय बिताया था और इसीलिए इसे "बंगला साहिब" कहा जाता है. लोहड़ी के दिन हजारों की भीड़ में भक्त यहां माथा टेकने जाते हैं. जहां इस खास त्योहार के दिन पूरे गुरुद्वारे को भव्य तरीके से सजाया जाता है.
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब उत्तराखंड में स्थित है. यह यह गुरुद्वारा हेमकुंड झील के पास स्थित है, जो समुद्रतल से लगभग 15,200 फीट की ऊंचाई पर है. हालांकि, यहां पहुंचना आसान नहीं है.लोहड़ी के दिन इस गुरुद्वारे में भी जमकर भीड़ रहती है. दूर-दूर से लोग दर्शन करने जाते हैं.
गुरुद्वारा पौंटा साहिब
गुरुद्वारा पौंटा साहिब हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित है. यह गुरुद्वारा भी सिखों के लिए एक पवित्र स्थान है. यह गुरुद्वारा यमुनानगर नदी के किनारे स्थित है और यहीं पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने कुछ समय बिताया था. पौंटा साहिब का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. लोहड़ी के दिन यहां कई प्रोग्राम होते हैं.