21 साल की Nandani Gupta कौन? कोटा के एक किसान की बेटी, जो मिस वर्ल्ड 2025 में भारत को करेंगी रिप्रेजेंट
नंदिनी सिर्फ 21 साल की हैं, वह किसी फिल्मी परिवार या बड़े शहर से नहीं आईं, बल्कि एक छोटे से गांव और एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. 2023 में नंदिनी ने मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया और अब, हैदराबाद में हो रही 72वीं मिस वर्ल्ड पेजेंट में वह भारत का नाम रोशन करने के लिए खड़ी हैं.

कोटा, राजस्थान को अक्सर सिर्फ एक कोचिंग हब के रूप में देखा जाता है, जहां से हजारों छात्र इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर निकलते हैं. लेकिन इसी शहर की गलियों से एक और अनोखी कहानी जन्म ले चुकी है. नंदिनी गुप्ता की, जो अब मिस वर्ल्ड 2025 पेजेंट में भारत का रिप्रेजेंट कर रही हैं.
नंदिनी सिर्फ 21 साल की हैं, वह किसी फिल्मी परिवार या बड़े शहर से नहीं आईं, बल्कि एक छोटे से गांव और एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता सुमित एक किसान हैं और मां रेखा जैविक खेती में उनका साथ देती हैं. उनका बचपन चाचा, छोटी बहन और ढेर सारे प्यार के बीच बीता.
मां की बात को बनाया गांठ
नंदिनी को आज भी अपनी मां की एक बात बहुत याद आती है, 'जब कोई पूछता था कि क्या तुम्हारा कोई भाई है, तो मेरी मां कहती थीं, 'नहीं, ये मेरी दो अनमोल रतन हैं. यही बात नंदिनी के दिल में बैठ गई. उन्होंने ठान लिया कि वो अपने माता-पिता का गहना बनेंगी, वो रतन जो पूरे परिवार का गर्व बनेगा.
माता-पिता ने रखी शर्त
स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ नंदिनी ने मॉडलिंग का सपना भी देखा. लेकिन मुंबई जाकर अपने सपनों को पंख देना इतना आसान नहीं था. उनके माता-पिता की एक ही शर्त थी पहले पढ़ाई पूरी करो, फिर जो सपना देखना है देखो. नंदिनी ने यह शर्त खुशी-खुशी मानी. उन्होंने पढ़ाई भी पूरी की और फिर मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा.
रह चुकी हैं मिस इंडिया
2023 में नंदिनी ने मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया और अब, हैदराबाद में हो रही 72वीं मिस वर्ल्ड पेजेंट में वह भारत का नाम रोशन करने के लिए खड़ी हैं. लेकिन नंदिनी की कहानी सिर्फ सुंदरता की नहीं है. यह साहस, फैमिली वैल्यू और अपनी रूट्स से जुड़े रहने की कहानी है. वह मिस वर्ल्ड का ताज सिर्फ अपने सिर के लिए नहीं चाहतीं, बल्कि वो उन तमाम लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनना चाहती हैं जो छोटे शहरों से आती हैं और बड़े सपने देखती हैं. जब नंदिनी मंच पर चलती हैं, तो उनके कदमों में सिर्फ उनके परिवार की उम्मीदें नहीं होतीं उसमें पूरे देश के सपने शामिल होते हैं.