क्यों होते हैं Irregular Periods? जानें इस परेशानी को कम करने के आसान टिप्स
पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स होते हैं, लेकिन बहुत अधिक वजन बढ़ने या घटने से भी हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं. अगर यह समस्या बार-बार होती है, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि वह आपको ट्रीटमेंट बता सके.

महिलाओं को हर महीने पीरियड्स होते हैं. यह एक नैचुरल प्रोसेस है. यह प्रोसेस तब शुरू होता है, जब यूट्रस की वॉल में मौजूद इंटरनल लेयर एंडोमेट्रियम गिरने लगती है. यह हार्मोनल बदलावों के कारण होता है और इसे पीरियड्स कहा जाता है. सामान्य तौर पर पीरियड्स 3 से 7 दिनों तक चलते हैं और हर महीने लगभग 21 से 35 दिनों के बीच होते हैं.
पीरियड्स होने से पहले कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं. पेट में दर्द या ऐंठन, सिरदर्द, थकावट और मूड स्विंग्स शामिल है, लेकिन कई बार पीरियड्स इर्रेगुलर होने लगते हैं. चलिए जानते हैं इसके कारण से लेकर ट्रीटमेंट तक के बारे में.
क्यों होते हैं इर्रेगुलर पीरियड्स?
जब शरीर में हार्मोन जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का बैलेंस बिगड़ता है, तो पीरियड्स का टाइम और फ्लो पर असर पड़ता है. यह समस्या पीसीओएस , थायरॉयड या अन्य हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकती है. इतना ही नहीं, ज्यादा टेंशन, स्ट्रेस, और मानसिक दबाव पीरियड्स में अनियमितता का कारण बन सकते हैं.
इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए घरेलू उपाय
इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए आप कुछ घरेलू उपाय आजमा सकते हैं. तुलसी के पत्तों में हार्मोनल इम्बैलेंस को ठीक कर सकते हैं. इसके लिए आप आप ताजे तुलसी के पत्ते चबा सकते हैं या तुलसी की चाय बना कर पी सकते हैं. इसके अलावा, पपीता पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन A, C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं. वहीं, अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होता है, जो हार्मोनल बैलेंस को सुधारने में मदद करता है. आप स्मूदी या सलाद में डालकर चिया सीड्स खा सकते हैं.
इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए अन्य टिप्स
खराब डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से भी पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं. इसलिए सही डाइट लेनी चाहिए. कम से कम 8 घंटे की नींद लें. इसके अलावा, रोजाना एक्सरसाइज करने से भी फायदा होगा.