क्या है प्रोस्टेट कैंसर और इसके लक्षण? ऐसे बनाता है पुरुषों को अपना शिकार
अगर प्रोस्टेट कैंसर को समय पर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज सफल हो सकता है. इसके इलाज के लिए विकल्पों में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी और कुछ मामलों में कीमोथेरेपी शामिल होती है. कैंसर की गंभीरता, उम्र, सेहत और मरीज की इच्छा के आधार पर डॉक्टर इलाज तय करते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप की करीबी और एमएजीए समर्थक लॉरा लूमर ने रविवार को कहा कि उन्होंने पिछले साल ही जो बाइडन की बीमारी के बारे में पोस्ट किया था. ये बात उन्होंने उस समय कही जब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से घोषणा की गई कि राष्ट्रपति बिडेन को प्रोस्टेट कैंसर है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस खबर पर प्रतिक्रिया दी और ट्रुथ सोशल पर एक मैसेज शेयर किया.
उन्होंने लिखा, 'मेलानिया और मैं, जो बाइडन की बीमारी की खबर सुनकर दुखी हैं. हम जिल (बिडेन की पत्नी) और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हैं और जो के जल्दी और अच्छे से ठीक होने की कामना करते हैं.'अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या है प्रोस्टेट कैंसर और क्या होते हैं इसके लक्षण.
क्या है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है. प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि है जो पुरुषों के मूत्र नली (urinary bladder) के नीचे और मलाशय के सामने होती है, यह वीर्य का निर्माण करती है. इसमें कैंसर तब होता है जब प्रोस्टेट की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और अनियंत्रित रूप से अलग-अलग होने लगती हैं. यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला कैंसर हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह तेजी से फैलता है.
कैसे होता है प्रोस्टेट कैंसर?
जब प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाएं बेकाबू तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो वे एक गांठ (tumor) या रसौली बना सकती हैं. जब यह गांठ कैंसर की हो जाती है और आसपास के ऊतकों या शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने लगती है, तो इसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है. यह कैंसर धीरे-धीरे भी बढ़ सकता है, इसलिए शुरुआत में कोई लक्षण नज़र नहीं आते. यही कारण है कि कई लोग इसे तब तक नहीं समझ पाते जब तक यह बढ़ नहीं जाता. हालांकि, कुछ मामलों में यह कैंसर बहुत तेज़ी से फैल सकता है और आक्रामक (aggressive) रूप ले सकता है.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
शुरुआती स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते. लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है,कई लक्षण दिख सकते हैं. हालांकि ये लक्षण केवल प्रोस्टेट कैंसर के नहीं होते, अन्य बीमारियों में भी दिख सकते हैं। इसलिए सही जांच करवाना जरूरी होता है.
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में.
पेशाब करने में कठिनाई या पेशाब की धारा कमजोर होना.
पेशाब में रुकावट या शुरू करने में दिक्कत.
पेशाब करने के बाद भी मूत्राशय के पूरी तरह खाली न होने का एहसास.
पेशाब या वीर्य में खून आना.
कमर, जांघ या पीठ में लगातार दर्द.
यौन इच्छा या क्षमता में कमी.
इलाज की संभावना
अगर प्रोस्टेट कैंसर को समय पर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज सफल हो सकता है. इसके इलाज के लिए विकल्पों में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी और कुछ मामलों में कीमोथेरेपी शामिल होती है. कैंसर की गंभीरता, उम्र, सेहत और मरीज की इच्छा के आधार पर डॉक्टर इलाज तय करते हैं. हालाँकि यह 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में जोखिम बढ़ता है, खासकर 65 वर्ष से ऊपर वाले पुरुषों को यह अपना शिकार बनाता है. प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसा रोग है जो धीरे-धीरे बढ़ सकता है और समय रहते पकड़ में आ जाए तो इलाज संभव होता है. इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप और जागरूकता बेहद जरूरी है, खासकर 50 साल से ऊपर के पुरुषों को अपना रेगुलर चेकअप कराना चाहिए.