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क्या है PMP? जिसमें महिला के बॉडी से निकाले गए 13 ऑर्गन, जिंदादिली की बनी मिशाल

रेबेका अब कैंसर से लड़ते हुए अब तक सर्फिंग, हॉट एयर बैलून की सवारी और डॉग स्लेजिंग जैसे एक्ससिटिंग एक्सपीरियंस ले चुकी हैं. अब रेबेका ने PMP से पीड़ित अन्य मरीजों की मदद के लिए GoFundMe कैंपिंग शुरू किया है. वह क्रिस होय के ‘Tour de 4’ नाम की एक 90 किमी साइक्लिंग इवेंट में हिस्सा लेंगी, जिसका मकसद स्टेज 4 कैंसर को लेकर समाज की सोच को चुनौती देना है.

क्या है PMP? जिसमें महिला के बॉडी से निकाले गए 13 ऑर्गन, जिंदादिली की बनी मिशाल
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 26 May 2025 11:41 AM IST

यूके के क्यूम्ब्रिया की रहने वाली 39 साल की रेबेका हिंद की जिंदगी एक ऐसी कहानी बन चुकी है, जो न सिर्फ साहस और संघर्ष की मिसाल है, बल्कि यह भी बताती है कि इंसानी जज़्बा कितनी बड़ी-बड़ी लड़ाइयां जीत सकता है. हालांकि उनकी जिंदगी में तूफान तब आया जब वाल साल 2018 में खुशी खुशी क्रिसमस पार्टी सेलिब्रेट कर रही थी.

साल 2018 का दिसंबर, ऑफिस की एक आम क्रिसमस पार्टी थी. लेकिन उस पार्टी के बाद जो कुछ हुआ, उसने रेबेका की पूरी दुनिया बदल दी. पार्टी के बाद उन्होंने खुद को असहज महसूस किया. शुरुआत में उन्होंने इसे फूड पॉइज़निंग समझा, लेकिन जब आठ हफ्ते बीत गए और लक्षण बने रहे, तब उन्होंने मेडिकल चेकअप कराने का फैसला किया. डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि उन्हें स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (PMP) नाम की एक बेहद दुर्लभ कैंसर है, जो दुनिया में हर साल दस लाख लोगों में से एक को प्रभावित करता है.

क्या है PMP?

PMP एक म्यूसिनस कैंसर है, जिसमें शरीर म्यूसिन (एक गाढ़ा जेल जैसा पदार्थ) बनाता है, जो पेट की गुहा में फैलकर अंगों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में पेट में सूजन, दर्द, मतली और भूख में कमी शामिल हैं. जब रेबेका को इसका पता चला, तब तक कैंसर उनके शरीर में काफी फैल चुका था.

पहली सर्जरी और कीमोथेरेपी

अप्रैल 2019, उम्र थी महज 34 साल, जब रेबेका ने पहली बार एक बड़ा ऑपरेशन करवाया. इस दौरान: अपेंडिक्स, नाभि, छोटा ओमेंटम और 1.6 गैलन से अधिक म्यूसिन निकाला गया. इसके बाद उन्हें 8 राउंड की कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा। वहीं साल 2019 में हुई दूसरी सर्जरी में बॉडी के 13 ऑर्गन हटाने पड़े. जिनमें शामिल थे - गॉल ब्लैडर, स्प्लीन, लार्ज इंटेस्टाइन, यूट्रेस,ओवरीज़, फैलोपियन ट्यूब, यूटेरिने सर्विक्स, रेक्टम, पेट, छोटी आंत का हिस्सा, लिवर की सतही परत और डायाफ्राम के दोनों ओर के हिस्से.

हर दिन 50 से 60 गोलियां

आज रेबेका को हर दिन 50 से 60 दवाइयां लेनी पड़ती हैं, जिनमें पेल रिलीवर, हार्मोन थेरेपी और सप्लीमेंट्स शामिल हैं, फिर भी, उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी. वह द मिरर से कहती है, 'मैं इस साल 40 साल की हो गई हूं और अब मैं हर चीज़ के लिए हां, कहना चाहती हूं. मैं जो मैसेज देना चाहती हूं वह यह है कि जब आपको स्टोमा या लाइलाज बीमारी होती है, तब जीवन बेहद कठिन हो सकता है. लेकिन सही दृष्टिकोण और जज़्बे के साथ, आप अब भी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.

फिर भी खुलकर जी रही हैं जिंदगी

रेबेका अब कैंसर से लड़ते हुए अब तक सर्फिंग, हॉट एयर बैलून की सवारी और डॉग स्लेजिंग जैसे एक्ससिटिंग एक्सपीरियंस ले चुकी हैं. अब रेबेका ने PMP से पीड़ित अन्य मरीजों की मदद के लिए GoFundMe कैंपिंग शुरू किया है. वह क्रिस होय के ‘Tour de 4’ नाम की एक 90 किमी साइक्लिंग इवेंट में हिस्सा लेंगी, जिसका मकसद स्टेज 4 कैंसर को लेकर समाज की सोच को चुनौती देना है. हाल ही में उनके शरीर में फिर से एक नया ट्यूमर पाया गया, जिसके बाद उन्हें एक और सर्जरी और छह हफ्तों तक अस्पताल में रहना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने रेस में हिस्सा लेने का फैसला बरकरार रखा है. उनका कहना है कि जुटाया गया धन Pseudomyxoma Survivor को जाएगा. यह एक मरीज द्वारा चलाया जा रहा चैरिटी है जो इस दुर्लभ कैंसर से जूझ रहे लोगों की मदद करता है. रेबेका मानती हैं कि उनके पास अब कोई और उपचार विकल्प नहीं बचा है, लेकिन वह हर दिन को पूरी शिद्दत से जीने और दूसरों को प्रेरित करने में जुटी हैं.

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