खास तकनीक से बना एक ऐसा कमरा, जहां आप अपनी हार्टबीट से लेकर सुन सकते है बॉडी के ब्लड सर्कुलेशन की आवाज!
अगर आप इस कमरे में जाते हैं, तो आप खुद को किसी "खाली शून्य" में महसूस करते हैं। वहाँ की शांति इतनी गहरी होती है कि लोग घबरा जाते हैं. डॉ. दीप्ति सिन्हा, ENT एक्सपर्ट, बताती हैं कि ऐसे कमरे में जाने पर आप अपनी दिल की धड़कन साफ़-साफ़ सुन सकते हैं.

मिनियापोलिस, मिनेसोटा (अमेरिका) में एक ऐसा कमरा मौजूद है, जिसे दुनिया का सबसे शांत (Silent) कमरा माना गया है. इस जगह का नाम है Orfield Laboratories का Anechoic Chamber. यह कमरा इतना शांत है कि यहां एक मिनट से ज़्यादा समय बिताना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इसे 'दुनिया का सबसे शांत स्थान' अनाउंस किया गया है. आइये जानते है आखिर कैसे यह कमरा इतना शांत है. यह कोई आम कमरा नहीं है.
इसे खास साइंस टेक्निक से बनाया गया है ताकि कोई भी आवाज़ इसमें गूंज न सके और न ही बाहर की आवाज़ इसमें आ सके. यह कमरा दरअसल तीन परतों से बना होता है. इसमें बाहरी दीवारें भारी स्टील और कंक्रीट से बनी हैं ताकि बाहर की कोई भी आवाज़ अंदर न आए. भीतरी परतें - ये कंपन को रोकने के लिए खास स्प्रिंग्स पर रखी जाती हैं. भीतर की सतह - हर दीवार, छत और फर्श को वेज (wedge) के आकार के फाइबरग्लास से ढका जाता है, जो आवाज़ को तुरंत अब्ज़ॉर्ब्ड कर लेता है. यह कमरा इतना साइलेंट है कि इसकी साइलेंस का लेवल -9.4 डेसिबल है. मतलब, यह इंसान की सुनने की क्षमता से भी नीचे की साउंड को रोक देता है.
इस कमरे में कैसा महसूस होता है?
अगर आप इस कमरे में जाते हैं, तो आप खुद को किसी "खाली शून्य" में महसूस करते हैं। वहाँ की शांति इतनी गहरी होती है कि लोग घबरा जाते हैं. डॉ. दीप्ति सिन्हा, ENT एक्सपर्ट, बताती हैं कि ऐसे कमरे में जाने पर आप अपनी दिल की धड़कन साफ़-साफ़ सुन सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अपने बॉडी में होने वाले ब्लड सर्कुलेशन की आवाज़, ब्रीथिंग रेट और यहां तक कि हड्डियों की चटकन तक महसूस होती है. कुछ लोगों को चक्कर, घबराहट, या मतिभ्रम (hallucination) होने लगता है. दिमाग बिना किसी बाहरी आवाज़ के, आपके शरीर की आवाज़ों पर ध्यान फोकस्ड करने लगता है. जिससे यह अनुभव असहज हो जाता है.
अब तक का रिकॉर्ड कितना है?
इस कमरे में सबसे ज़्यादा देर तक कोई बैठ पाया है अगर किसी ने कोशिश भी की है तो ज्यादा से ज्यादा 45 मिनट। उसके बाद लोग खुद-ब-खुद बाहर आ जाते हैं क्योंकि मानसिक रूप से यह शांति बहुत भारी पड़ती है.
क्यों होता है इस कमरे का इस्तेमाल?
ये कमरा केवल डराने के लिए नहीं है, बल्कि इसका एक साइंटिफिक रीज़न है. इस कमरे का इस्तेमाल एयरोस्पेस, टेलीकम्युनिकेशन, और ऑडियो डिवाइसेज़ टेस्ट करने के लिए किया जाता है. यहां यह देखा जाता है कि किसी यंत्र या मशीन से कितनी आवाज़ आती है, या वह कितनी शांत है. इस चैंबर में टेस्ट करने से यह स्योर होता है कि ये डिवाइस रियल वर्ल्ड में बिना किसी शोर के भी सही ढंग से काम