महिलाएं भी यूज कर सकती हैं कंडोम, अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए Female Condom आएगा काम
मार्केट में फीमेल कंडोम मिलते हैं, जिसका इस्तेमाल अब बढ़ता जा रहा है. फीमेल कंडोम से एचआईवी और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचा जा सकता है. यह कंडोम लेटेक्स से बना होता है, जिसके लिए लुब्रिकेंट की जरूरत नहीं होती है.

अनचाही प्रेग्नेंसी और सेक्सुअली ट्रांसमिट डिजीज से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल किया जाता है. मेल के साथ-साथ बाजार में फीमेल कॉन्डम भी मिलता है, जिसका महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं. हालांकि, यह शुरुआत में इसके यूज आप अनंकफर्टेबल हो सकती हैं, लेकिन सेफ सेक्स के लिए यह भी एक इफेक्टिव तरीका है.
ऐसे में चलिए जानते हैं इसके उपयोग से लेकर फायदों के बारे में. फीमेल कॉन्डम सिंथेटिक लेटेक्स से बनाया जाता है. यह एक सॉफ्ट , ढीला-ढाला पाउच होता है, जिसके दोनों सिरों पर एक फ्लेक्सिबल रिंग होती है.
कैसे करें फीमेल कंडोम यूज
सबसे पहले कॉन्डम के पैकेट को सही तरीके से खोलें. इसके बाद बंद सिरे पर मौजूद इनर रिंग को मोड़ें और इसे जितना हो सके उतना वेजाइना के अंदर डालें. सेक्स से पहले इस बात का ध्यान रखें कि कंडोम सही तरीके से लगा हुआ है. साथ ही यह जेनिटल एरिया को पूरी तरह से कवर करता है. आप इसे स्काव्ट, लेटकर या फिर चेयर पर एक पैर रख आसानी से इसे इंसर्ट कर सकती हैं.
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कंडोम के फायदे
फीमेल कंडोम के इस्तेमाल से सेक्सुअली ट्रांसमिट डिजीज से बचा जा सकता है, जिसमें एचआईवी जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा रहता है. इसके अलावा, सेक्स के दौरान वायरस फैलना का खतरा रहता है. ऐसे में फीमेल कंडोम के यूज से इससे बचा जा सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
फीमेल कंडोम मेल कंडोम से महंगा होता है. इसके अलावा, यह जल्दी से मेडिकल स्टोर पर भी नहीं मिलता है. कंडोम का दो बार यूज न करें. साथ ही, इस बात का ध्यान रखें कि इंटरकोर्स के दौरान यह फटे नहीं, क्योंकि ज्यादातर कंडोम फट जाते हैं. आपको लुब्रिकेंट का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कुछ यूजर्स का कहना है कि फीमेल कंडोम सेक्स के दौरान चरमराहट जैसी आवाज कर सकता है, जो ध्यान भटका सकता है.