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आज छोटी दिवाली पर है तीन शुभ संयोग, काली चौदस, हनुमान पूजा और मासिक शिवरात्रि एक साथ; कर लें ये काम

आज मासिक शिवरात्रि का पावन दिन भी है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह व्रत रखा जाता है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है.

आज छोटी दिवाली पर है तीन शुभ संयोग, काली चौदस, हनुमान पूजा और मासिक शिवरात्रि एक साथ; कर लें ये काम
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( Image Source:  Create By AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 19 Oct 2025 2:00 PM

आज 19 अक्टूबर, रविवार को देशभर में छोटी दिवाली बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है. यह दिन न केवल दीपोत्सव का दूसरा दिन है, बल्कि काली चौदस, हनुमान पूजा और मासिक शिवरात्रि तीनों पवित्र संयोग भी आज के दिन बन रहे हैं. ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है, इसलिए इस बार की छोटी दिवाली का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है.

पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 20 अक्टूबर को 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. इसी तिथि पर छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है, जो बुराइयों, नकारात्मकता और अंधकार को मिटाने का प्रतीक है.

काली चौदस का विशेष महत्व

छोटी दिवाली के दिन काली चौदस मनाने की परंपरा बहुत प्राचीन है. गरुड़ पुराण के अनुसार, इस दिन यमराज के निमित्त दीपदान करने का विधान बताया गया है. गुजरात और पश्चिम भारत में काली चौदस को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व तब मनाया जाता है जब मध्यरात्रि (महा निशिता काल) में चतुर्दशी तिथि विद्यमान रहती है. इस दिन मां काली और वीर वेताल की पूजा विशेष रूप से की जाती है. कई श्रद्धालु श्मशान स्थलों में जाकर देवी की आराधना करते हैं, क्योंकि यह दिन नकारात्मक शक्तियों के नाश और आत्मबल प्राप्ति से जुड़ा हुआ है. ध्यान रहे काली चौदस, नरक चतुर्दशी और रूप चौदस तीनों अलग-अलग मान्यताएं हैं.

हनुमान पूजा का शुभ संयोग

छोटी दिवाली के दिन हनुमान जी की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को बुरी आत्माओं से रक्षा मिलती है और शक्ति व आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि 'जहां भी मेरी पूजा होगी, वहां तुम्हारी पूजा पहले होगी.' इसी कारण दिवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल, लड्डू या गुड़-चने का भोग लगाते हैं. ऐसा करने से मनोबल बढ़ता है और जीवन की हर बाधा से मुक्ति मिलती है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

आज मासिक शिवरात्रि का पावन दिन भी है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह व्रत रखा जाता है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे और भगवान विष्णु तथा ब्रह्माजी ने उनकी पूजा की थी. इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने से कठिन से कठिन कार्य सिद्ध होते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.

छोटी दिवाली पर शुभ उपाय

इस दिन कुछ खास धन और सौभाग्य से जुड़े उपाय करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है-

धन वृद्धि के लिए उपाय-

एक पीले कपड़े में हल्दी, 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ियां और एक चांदी का सिक्का रखकर 'श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें, फिर इस पोटली को अपनी तिजोरी या धन स्थान में रख दें. इससे व्यवसाय में बाधाएं दूर होंगी और धन की स्थायी वृद्धि होगी.

निगेटिविटी दूर करने के लिए-

मां काली को लौंग का जोड़ा अर्पित करें, चना दाल और गुड़ का भोग लगाएं. मां काली के बीज मंत्र- 'ऊं क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा' का 108 बार जाप करें. इससे शत्रुओं पर विजय और हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

भगवान शिव के लिए-

शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र अर्पित करें. 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 बार जाप करें. गन्ने का रस चढ़ाने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं. शहद से अभिषेक करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और गुरु ग्रह मजबूत होता है.

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