सनबेड, स्प्रे और स्किन कैंसर... टैनिंग के ट्रेंड में खुद की जान से खिलवाड़ कर रहा GenZ, ब्यूटी ट्रेंड बनता जा रहा ज़हर
आज की युवा पीढ़ी genz टैनिंग को स्टाइल और ग्लो का सिंबल मान रही है. सोशल मीडिया ट्रेंड्स, फेक फिल्टर और सेल्फ-केयर की आड़ में सनबेड, नाक के स्प्रे और इंजेक्शन जैसे खतरनाक तरीकों का इस्तेमाल हो रहा है. चेतावनी के बावजूद टैनिंग का क्रेज़ बढ़ता जा रहा है, जिससे स्किन कैंसर और हेल्थ रिस्क भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

आजकल की जेनरेशन Z के लिए टैनिंग सिर्फ़ स्टाइल नहीं, एक ज़रूरत बनती जा रही है. चाहे नाक के स्प्रे हों, इंजेक्शन या फिर सनबेड, लोग टैन लुक पाने के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं. प्लायमाउथ की हन्ना क्लार्क जैसे कई लोग हैं जिन्हें टैन स्किन देखकर लगता है कि वो हेल्दी और फ्रेश लग रहे हैं. हन्ना तो कहती हैं कि “छुट्टी से लौटकर जो ग्लो आता है, वो टैनिंग से मिल जाता है” और बस, इसी एहसास की वो दीवानी हैं.
टिकटॉक, इंस्टाग्राम पर #sunbed जैसे हैशटैग लाखों में चल रहे हैं. 18 से 25 साल के लगभग आधे युवा अब सनबेड का यूज़ कर रहे हैं. UV इंडेक्स चेक करना और जानबूझकर तेज़ धूप में बैठना जैसे आम बातें हो गई हैं. नाक में टैनिंग स्प्रे डालना और अजीब इंजेक्शन लेना भी अब ‘नॉर्मल’ लगने लगा है. मतलब, खतरा सबको पता है, लेकिन टैन लुक ज़्यादा ज़रूरी हो गया है.
हेल्थ वॉर्निंग? किसे फर्क पड़ता है!
NHS और WHO जैसे हेल्थ संगठन साफ़ कह चुके हैं कि टैनिंग से स्किन को नुकसान होता है और ये स्किन कैंसर तक पहुंचा सकता है. लेकिन असल ज़िंदगी में लोग इन वॉर्निंग्स को इग्नोर कर रहे हैं. डॉक्टर्स बताते हैं कि जब स्किन का रंग UV से बदलता है, तो असल में स्किन को नुक़सान हो रहा होता है- ये हेल्दी नहीं, डैमेज है.
टैनिंग = सेल्फ केयर?
आजकल टैनिंग को "सेल्फ केयर" या "ग्लो अप" कहकर बेचा जा रहा है. इन्फ्लुएंसर लोग वीडियो बनाकर कहते हैं, "सनबेड चलें मेरे साथ", और कुछ सैलून तो इसको मज़ाक में उड़ाते हैं. जैसे एक मीम में लिखा था, "जब कोई कहता है कि सनबेड बुरा है", और साथ में कोई फनी सीन. इस तरह के कंटेंट से खतरे कम नहीं होते- उल्टा लोगों को लगता है कि टैनिंग तो सेफ ही है.
ज़िंदगी पहले से ही मुश्किल है
कुछ लोग कहते हैं कि जब दुनिया में इतने और टेंशन हैं- कोविड, क्लाइमेट चेंज, वॉर तो टैनिंग का खतरा कौन सोचता है? 23 साल की एमिली हैरिस को यही लगता है. उनके मम्मी-पापा खुद NHS में हैं, पर वो फिर भी टैनिंग करती हैं. कहती हैं, "किसी भी चीज़ से मर सकते हैं, समझ रहे हो ना?"
टैनिंग का बिज़नेस मॉडल
सनबेड अब एक बिज़नेस बन गया है. सैलून में पैकेज मिलते हैं- "फोर वीक्स अनलिमिटेड टैनिंग" टाइप. हैरिस जैसी लड़कियां ऐसे पैकेज लेकर रोज़ सैलून जाती हैं, फिर भी कहती हैं- "थोड़ा बेवकूफ़ी वाली बात थी, लेकिन ऑफर पूरा यूज़ करना था." कुछ लोग UV इंडेक्स पर इतना फोकस करते हैं जैसे मौसम की रिपोर्ट नहीं, गोल्ड की कीमत देख रहे हों.
DIY टैन – नाक के स्प्रे और इंजेक्शन
नाक में डाला जाने वाला स्प्रे जिसे लोग मेलानोटैन II कहते हैं- सोशल मीडिया पर आसानी से मिल रहा है. डॉक्टर्स का कहना है कि ये स्प्रे हार्मोन को बिगाड़ सकता है, ब्लड प्रेशर, इरेक्शन, स्किन प्रॉब्लम्स और यहां तक कि कैंसर से भी जुड़ा है. पर फिर भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि टैन लुक ज़्यादा जरूरी लग रहा है. एक यूज़र ने तो कहा- "मुझे नहीं पता उसमें क्या था, पर मुझे फर्क नहीं पड़ा. मैं बस टैन दिखना चाहती थी."
सोशल मीडिया का प्रेशर
इंस्टाग्राम पर सब ब्राउन और ग्लोइंग दिखते हैं. फेक फिल्टर और रियल टैनिंग के बीच की लाइन बहुत पतली है. स्विमवियर ब्रांड की CEO होली फेल्डमैन को तो फ्री में स्प्रे और इंजेक्शन मिलते थे और धीरे-धीरे वो भी एडिक्ट हो गईं. हालांकि अब वो धीरे-धीरे इससे बाहर निकल रही हैं. लेकिन कहती हैं- "अगर सोशल मीडिया मेरी ज़िंदगी का हिस्सा ना होता, तो शायद मैं सनबेड यूज़ ही नहीं करती."
लड़के भी पीछे नहीं हैं
क्रेग हॉपकिंस जैसे डांस टीचर्स भी सनबेड यूज़ करते हैं, ताकि लगे कि अभी-अभी कहीं घूमने से लौटे हैं. टैन स्किन अब ‘लाइफस्टाइल सिंबल’ बन गई है- जैसे पैसा, स्टाइल और लग्ज़री. नेल टेक्नीशियन मेगन अर्बानियाक कहती हैं, "अगर कोई स्किन जलने से बचाना चाहता है, तो पहले से टैन हो जाना चाहिए." लेकिन डॉक्टर्स कहते हैं, "ये उल्टा ज़्यादा डैमेज करता है."
जब तक कुछ बिगड़े ना, सब ठीक लगता है
कई युवाओं के लिए टैनिंग एक 'रिस्क' नहीं, बल्कि स्टेटमेंट बन गया है. जैक हॉवेल जैसे कंटेंट क्रिएटर बताते हैं कि 21 की उम्र में उन्हें एडवांस्ड स्किन कैंसर हो गया- और वो टैनिंग बेड की वजह से था. उन्होंने कैंसर से लड़ाई लड़ी, और अब दूसरों को आगाह कर रहे हैं. लेकिन बहुत से लोग तब तक मानने को तैयार नहीं जब तक कुछ बुरा न हो जाए. अर्बानियाक कहती हैं- "हम इस GENZ हैं जहां हम सब तब तक इनकार में रहते हैं जब तक सच में कुछ न हो जाए."