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भारत में पुरुषों में बढ़ता यूटीआई! अब सिर्फ महिलाओं की नहीं, पुरुषों की भी बड़ी चिंता बन चुका है ये इंफेक्शन

जहां महिलाओं में यूटीआई अक्सर साधारण इलाज से ठीक हो जाता है, वहीं पुरुषों में यह अधिक जटिल होता है. खासकर उम्रदराज पुरुषों में, यह इन्फेक्शन कई बार शरीर में चल रही किसी और गंभीर बीमारी का संकेत देता है.

भारत में पुरुषों में बढ़ता यूटीआई! अब सिर्फ महिलाओं की नहीं, पुरुषों की भी बड़ी चिंता बन चुका है ये इंफेक्शन
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 2 Aug 2025 2:43 PM IST

कभी सिर्फ महिलाओं की समस्या माने जाने वाला मूत्र मार्ग संक्रमण यानी यूटीआई (Urinary Tract Infection) अब भारत में पुरुषों के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है. देश के कई बड़े शहरों के अस्पतालों में पुरुषों में यूटीआई के मामलों में पिछले कुछ सालों में तीन से चार गुना तक की बढ़ोतरी देखी गई है. यूटीआई तब होता है जब हानिकारक बैक्टीरिया मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से जैसे- मूत्राशय, मूत्रमार्ग, गुर्दे या प्रोस्टेट ग्रंथि – में प्रवेश कर जाते हैं और इन्फेक्शन फैला देते हैं.

जहां महिलाओं में यूटीआई अक्सर साधारण इलाज से ठीक हो जाता है, वहीं पुरुषों में यह अधिक जटिल होता है. खासकर उम्रदराज पुरुषों में, यह इन्फेक्शन कई बार शरीर में चल रही किसी और गंभीर बीमारी का संकेत देता है. बेंगलुरु स्थित 'Even Healthcare' के यूरोलॉजिस्ट डॉ. विशाल नाइक बताते हैं कि पुरुषों में यूटीआई कई बार बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्र में रुकावट, या किडनी की पथरी जैसी स्थितियों के कारण होता है. वे कहते हैं, 'सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुरुषों में जागरूकता की कमी है. ज़्यादातर पुरुष लक्षणों को मामूली मानकर नजरअंदाज़ कर देते हैं या फिर खुद ही दवा लेकर इलाज करने लगते हैं. इससे संक्रमण बिगड़ जाता है.'

क्या हैं यूटीआई के लक्षण?

यूटीआई के कुछ आम लक्षण कई तरह के हैं-

-पेशाब करते समय जलन

-बार-बार पेशाब लगना

-पेशाब का रंग धुंधला होना

-पेट के निचले हिस्से या श्रोणि में दर्द

लेकिन पुरुषों में ये लक्षण और भी गंभीर रूप ले सकते हैं जैसे- तेज बुखार, पेशाब में खून आना, अंडकोष में दर्द, थकान और उलझन. कभी-कभी यह संक्रमण किडनी और खून तक भी पहुंच सकता है (यूरोसेप्सिस)

क्यों बढ़ रहे हैं यूटीआई के मामले?

डॉक्टरों के मुताबिक, कई जीवनशैली संबंधी वजहें इसके लिए ज़िम्मेदार हैं. कम पानी पीना – गर्म और आर्द्र मौसम में पानी कम पीने से पेशाब गाढ़ा हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं. अनियमित दिनचर्या फास्ट फूड, तनाव, नींद की कमी और डायबिटीज जैसी बीमारियां इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती हैं. मानसून में गंदगी और गीले कपड़े गंदे टॉयलेट, गीले अंडरगारमेंट्स और जलभराव से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है.

गंभीर परिणाम और चेतावनी

यूटीआई अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह प्रोस्टेटाइटिस, किडनी इंफेक्शन और यहां तक कि जानलेवा यूरोसेप्सिस में भी बदल सकता है. डॉ. नाइक चेतावनी देते हैं कि पुरुषों को यूटीआई को मामूली न समझते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, खासकर 50 साल से ऊपर के पुरुषों को.

-यूटीआई से बचने के लिए आसान और असरदार उपाय

-पर्याप्त पानी पिएं कोशिश करें रोज़ 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि शरीर से बैक्टीरिया बाहर निकल सकें.

-पेशाब कभी न रोकें – देर करने से बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिलता है.

-साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, खासकर मानसून में गीले अंडरवियर तुरंत बदलें.

-तनाव और नींद का ध्यान रखें – योग और ध्यान से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.

-डायबिटीज और प्रोस्टेट का रेगुलर चेकअप कराएं.

-सेल्फ-मेडिकेशन से बचें एंटीबायोटिक बिना सलाह लिए न लें. इससे दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता (Antibiotic Resistance) बढ़ सकती है.

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