शादी में मिला गिफ्ट अब सेहत की बजा सकता है बैंड, 'पुराने कुकर' से हो सकती हैं ये बीमारियां
क्या आपके घर में भी सालों पुराने कुकर में खाना बनता है? तो अब नया ले आएं, क्योंकि बर्तनों की भी एक्सपायरी डेट होती है. इसके कारण आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. इस पर एक्सपर्ट ने बताया कि कब कुकर बदल लेना चाहिए.
भारतीय रसोई का दिल कहें या फिर हर मम्मी की शान प्रेशर कुकर! अक्सर यही वो ‘दान’ होता है जो मम्मी को उनकी शादी में गिफ्ट में मिला होता है और तब से आज तक दाल, चावल, छोले, राजमा, सब उसी में पकते आ रहे हैं. सालों बाद भी उसकी सीटी में वही पुरानी ‘मां की रसोई’ की आवाज़ सुनाई देती है.
लेकिन ज़रा सोचिए, क्या वो कुकर अब भी उतना ही सेफ है जितना तब था? या फिर वो अब एक 'बॉम्ब' बन चुका है जो कभी भी फट सकता है? असल में, जैसे दूध और दही की एक्सपायरी होती है, वैसे ही आपके किचन के बर्तन भी एक लिमिट तक ही सुरक्षित रहते हैं. हाल ही में, डॉ. मनन वोरा ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पुराने प्रेशर कुकर से सीधे तौर पर जहरीले तत्व हमारे खाने में जा सकते हैं. चलिए जानते हैं कब बदलना चाहिए यह बर्तन?
पुराने कुकर से कैसे होता है नुकसान?
डॉ. वोरा ने बताया कि जब प्रेशर कुकर बहुत पुराना हो जाता है, खासकर अगर वह एल्यूमिनियम का बना हो, तो उसमें से सीसे (lead) जैसे हानिकारक तत्व धीरे-धीरे खाने में मिलना शुरू हो जाते हैं. यह मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए हमें तुरंत महसूस नहीं होता, लेकिन लंबे समय में यह शरीर में जमने लगता है. लीड या सीसा शरीर से आसानी से नहीं निकलता है. यह खून, हड्डियों और दिमाग में जमा हो जाता है और धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.
सीसे के असर क्या हो सकते हैं?
सीसे के कारण लगातार थकान महसूस होना, याददाश्त कमजोर होना, मूड स्विंग्स या चिड़चिड़ापन, बच्चों में दिमागी विकास धीमा होना, IQ लेवल का कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. बच्चों पर इसका असर और भी ज्यादा गंभीर हो सकता है, इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि आपका पुराना कुकर आपके परिवार की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.
कब बदल देना चाहिए प्रेशर कुकर?
डॉ. वोरा ने कुछ आसान पहचान के तरीके बताए हैं, जिनसे आप जान सकते हैं कि अब आपका प्रेशर कुकर बदलने का समय आ गया है. अगर कुकर 10 साल से ज्यादा पुराना है, तो चाहे वह बाहर से ठीक दिखे, अब उसे बदल देना चाहिए. अगर अंदर खरोंच, काले निशान या रंग बदल गया है, तो यह संकेत है कि कुकर की परत खराब हो रही है और वह ज़हर छोड़ सकता है. अगर कुकर का ढक्कन या सीटी ढीली हो गई है, यानी ठीक से बंद नहीं होती या टाइट फिट नहीं होती, तो वह अब सुरक्षित नहीं है. अगर खाना खाने पर उसमें हल्का धातु (metal) जैसा स्वाद आता है, तो यह साफ़ चेतावनी है कि कुकर अब सेहत के लिए सही नहीं है.
क्या है सॉल्यूशन ?
सबसे अच्छा और सुरक्षित ऑप्शनल है. स्टेनलेस स्टील के प्रेशर कुकर का इस्तेमाल. स्टील में लीड नहीं होता और यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है. कुछ लोग कहते हैं कि वे एल्यूमिनियम कुकर में स्टील के बर्तन रखकर खाना बनाते हैं. यह थोड़ी हद तक मदद करता है, लेकिन फिर भी कुकर का पुराना ढांचा और उसके हिस्से लीड रिसाव कर सकते हैं. इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जाता है.





