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क्या है मेटाटार्सल फ्रैक्चर, जिसके शिकार हुए क्रिकेटर Rishabh Pant; सर्जरी या प्लास्टर किससे होगा सही इलाज?

What is Metatarsal Fracture: 23 जुलाई को मैनचेस्टर टेस्ट मैच में पंत ने ऋषभ reverse sweep खेलने की कोशिश की. गेंद उनके दाहिने फुट पर सीधे लगी, जिससे पैर में भारी सूजन और दर्द हुआ. कहा जा रहा है कि पंत को मेटाटार्सल फ्रैक्चर हो सकता है.

क्या है मेटाटार्सल फ्रैक्चर, जिसके शिकार हुए क्रिकेटर Rishabh Pant; सर्जरी या प्लास्टर किससे होगा सही इलाज?
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( Image Source:  canava )

What is Metatarsal Fracture: भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत को चौथे टेस्ट मैच के दौरान चोट लग गई. वह आईपीएल में लभनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान हैं. मैनचेस्टर टेस्ट पहली पारी में क्रिकेटर के साथ ये हादसा हुआ. क्रिस वोक्स की गेंद ऋषभ के दाहिनी पैर में लगी. अब ऐसा कहा जा रहा है कि पंत को मेटाटार्सल फ्रैक्चर हो सकता है.

पंत को जैसे ही चोट लगे आसपास मौजूद सब खिलाड़ी और कोच परेशान हो गए. गेंद लगने के बाद वह तुरंत लड़खड़ाने लगे, उन्होंने पहले अपने दस्ताने उतार दिए और फिर फिजियो को बुलाया, जिन्होंने विकेटकीपर-बल्लेबाज का इलाज किया. ऋषभ का पैर बुरी तरह सूज गया था. आज हम आपको बताएंगे कि मेटाटार्सल फ्रैक्चर क्या होता है.

क्या है मेटाटार्सल फ्रैक्चर?

डॉक्टर्स का कहना है कि मेटाटार्सल फ्रैक्चर मध्य पैर की पांच लंबी हड्डियों में से एक या उससे ज्यादा टूटने पर होता है. इसे मेटाटार्सल कहा जाता है. जब इन पर किसी अचानक या जोरदार चोट लगती है- जैसे गेंद या भारी वजन का दबाव तो ये छोटी सी हड्डियां अक्सर काट-फूट सकती हैं. इसे ही मेटाटार्सल फ्रैक्चर कहते हैं.

क्या है इलाज?

मेटाटार्सल फ्रैक्चर होने पर डॉक्टर सबसे पहले तो मरीज को फुल बेड रेस्ट की सलाह देते हैं. वह टूटी हुई हड्डी का इलाज करने के लिए प्लास्टर, बूट या जूते से या फिर जरूरत करने पर सर्जरी करते हैं. साथ ही बर्फ का इस्तेमाल पैर की सूजन को कम करने के लिए किया जाता है. चोट हल्की हुई तो आराम या बैंडेज ही सही विकल्प होगा. फेंटीशियन विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह की चोट से ठीक होने में आमतौर पर कई हफ्ते का समय लगता है. यह फ्रैक्चर की गंभीरता पर निर्भर करता है.

मेटाटार्सल फ्रैक्चर के प्रकार

अवल्शन फ्रैक्चर- इसमें हड्डी के आधार से एक छोटा टुकड़ा टेंडन द्वारा खिंचकर टूटता है. अक्सर टख्ना मोड़ने से होता है और दर्द, सूजन होती है.

जोन्स फ्रैक्चर- यह पांचवी मेटाटार्सल हड्डी के छोटे से हिस्से में होता है. जहां बल्ड कम पहुंच जाता है. इसलिए ठीक होने में समय भी ज्यादा लगता है.

स्ट्रेस फ्रैक्चर- इसमें हड्डी के बीच-शाफ्ट हिस्से में छोटे-छोटे दरारें होती हैं, जो धीरे-धीरे बनती हैं. ये फ्रैक्चर मेटाटार्सल सिर और गर्दन में होते हैं.

मेटाटार्सल फ्रैक्चर का इलाज

मेटाटार्सल फ्रैक्चर होने पर कैसे उसे ठीक किया जाएगा, ये चोट कितनी लगी है उसे देखकर किया जाता है. जैसे नॉन‑सर्जिकल इलाज में चोट लगी जगह पर पलस्टर लगाना जाता है और आराम रखने के साथ कुछ दवाएं दी जाती हैं. आपको हेल्दी डाइट लेनी होती है. सर्जिकल इलाज में Zone‑2 और Zone-3 फ्रैक्चर में सबसे आम सर्जरी होती है, जहां हड्डी में लोहे की स्क्रू डालकर टूटी हड्डी को मजबूती से जोड़ा जाता है.

वहीं हड्डी की शॉफ्ट में अगर फ्रैक्चर अधिक गंभीर हो, या कटिस्थान बिगड़े तब प्लेट लगाकर इलाज किया जाता है. अगर फ्रैक्चर ठीक नहीं जुड़ता या ब्लड प्रेशर कमजोर है (nonunion), तब हड्डी ग्राफ्ट की जरूरत हो सकती है.

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