Karwa Chauth 2025 : प्रेगनेंसी में व्रत रखना सही या गलत? जानें एक्सपर्ट की राय; हो सकते हैं ये नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कोई गर्भवती महिला करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है, तो उसे पहले अपने गायनोकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए. वे कहती हैं, 'व्रत का मतलब अपने भावों को व्यक्त करना है, न कि खुद को तकलीफ देना.

Karwa Chauth 2025 : हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत बहुत पवित्र और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत (बिना पानी और भोजन के) रखती हैं. दिनभर पूजा-पाठ करने के बाद रात में चांद निकलने पर अर्घ्य देकर महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बना हुआ है. लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या गर्भवती महिलाएं भी करवा चौथ का निर्जला व्रत रख सकती हैं? क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पोषण, आराम और हाइड्रेशन की खास ज़रूरत होती है. आइए जानते हैं इस पर डॉक्टर क्या कहते हैं.
न्यूज 18 के मुताबक नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस विभाग की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को व्रत के मामले में बहुत सावधानी रखनी चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं. ऐसे में शरीर को अधिक नुट्रिएंट्स और पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है. अगर महिला दिनभर बिना खाना-पानी के रहती है, तो इससे डिहाइड्रेशन, ब्लड शुगर में गिरावट, कमजोरी, थकान और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है
डॉ. रावत के अनुसार, 'गर्भवती महिलाओं में ब्लड शुगर लेवल का बैलेंस्ड बेहद जरूरी होता है. अगर घंटों तक खाना या पानी नहीं लिया जाए, तो ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है, जिससे बेहोशी, घबराहट और कमजोरी जैसी स्थिति हो सकती है.ऐसे में अगर किसी महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) है, तो उसके लिए यह व्रत और भी ज़्यादा जोखिम भरा हो सकता है.'
खतरनाक साबित होगा पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी खतरनाक हो सकती है. डॉ. रावत बताती हैं कि पानी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सबसे ज़रूरी तत्वों में से एक है. यह न सिर्फ शरीर को ठंडा रखता है, बल्कि एम्नियोटिक फ्लूइड (Amniotic Fluid) को बैलेंस्ड रखता है, ब्लड वॉल्यूम बढ़ाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सही रखने में भी अहम भूमिका निभाता है. करवा चौथ पर पूरा दिन बिना पानी के रहना डिहाइड्रेशन का खतरा कई गुना बढ़ा सकता है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है.
क्या कर सकती हैं प्रेग्नेंट महिलाएं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कोई गर्भवती महिला करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है, तो उसे पहले अपने गायनोकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए. वे कहती हैं, 'व्रत का मतलब अपने भावों को व्यक्त करना है, न कि खुद को तकलीफ देना. अगर निर्जला व्रत रखना संभव नहीं है, तो महिलाएं फलाहार व्रत या लिक्विड डायट वाला व्रत रख सकती हैं.' इसमें महिलाएं दिनभर फल, नारियल पानी, दूध, जूस या हल्का तरल आहार ले सकती हैं. इससे शरीर में पानी और ऊर्जा दोनों बने रहते हैं. अगर व्रत के दौरान चक्कर, उल्टी, सिरदर्द या थकान महसूस हो, तो तुरंत व्रत तोड़ देना चाहिए.