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हार्मोनल इंबैलेंस और ऑर्गन डैमेज! जानिए कितना जानलेवा है कार में रखा गया प्लास्टिक की बोतल का पानी

डॉ. मंजूषा अग्रवाल बताती हैं कि प्लास्टिक की बोतलें जब सूरज की सीधी गर्मी और कार के अंदर की भाप जैसी गर्मी के कॉन्टैक्ट में आती हैं, तो वे केमिकल कंपाउंड छोड़ने लगती हैं.

हार्मोनल इंबैलेंस और ऑर्गन डैमेज! जानिए कितना जानलेवा है कार में रखा गया प्लास्टिक की बोतल का पानी
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 3 May 2025 9:45 AM IST

क्या आपने कभी गर्मी में पानी पीने के बाद अपनी प्लास्टिक की बोतल कार में ही छोड़ दी है? अगर हां, तो यह आदत आपकी हेल्थ पर भारी पड़ सकती है. भारत के टॉप मेडिकल एक्सपर्ट्स ने वॉर्न किया है कि यह नॉर्मल सी लगने वाली लापरवाही आपके शरीर में कैंसर, हार्मोनल इनबैलेंस और ऑर्गन डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है. दरअसल गर्मियों में कार के अंदर का तापमान तेज़ी से बढ़ जाता है. कभी-कभी 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.

ऐसी स्थिति में कार में रखी प्लास्टिक की बोतलें, जो अक्सर पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (PET) से बनी होती हैं, बिस्फेनॉल ए (BPA) और एंटीमनी जैसे खतरनाक रसायन पानी में छोड़ सकती हैं. मुंबई की सीनियर एडवाइजर डॉ. मंजूषा अग्रवाल बताती हैं कि प्लास्टिक की बोतलें जब सूरज की सीधी गर्मी और कार के अंदर की भाप जैसी गर्मी के कॉन्टैक्ट में आती हैं, तो वे केमिकल कंपाउंड छोड़ने लगती हैं. BPA और एंटीमनी जैसे तत्व शरीर में हार्मोनल इनबैलेंस उत्पन्न करते हैं और लंबे समय तक संपर्क से कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं.'

क्या हैं BPA और एंटीमनी के प्रभाव?

मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स की डॉ. रितुजा उगलमुगले विस्तार से बताती हैं, 'BPA एक एंडोक्राइन डिसरप्टर है जो हार्मोन के बैलेंस को प्रभावित करता है. यह metabolism, इंसुलिन प्रतिक्रिया और हृदय संबंधी स्वास्थ्य (cardiovascular health) पर नकारात्मक असर डाल सकता है. वहीं, एंटीमनी नामक मेटलॉयड लंबे समय तक संपर्क में आने से जठरांत्र (gastrointestinal) में जलन और अंगों में poisoning पैदा कर सकता है.'

माइक्रोप्लास्टिक का अनदेखा खतरा

इतना ही नहीं, जब प्लास्टिक गर्म होता है तो माइक्रोप्लास्टिक कण भी निकल सकते हैं. ये बेहद सूक्ष्म कण शरीर में प्रवेश कर अंगों में जमा होकर सूजन, इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी और लंबी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. यह सिर्फ एक बोतल नहीं, बल्कि धीरे-धीरे शरीर में जहर भरने की प्रक्रिया हो सकती है. माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे खून, लीवर, किडनी और यहां तक कि दिमाग में भी जमा हो सकते हैं.

क्या करें? सुरक्षित विकल्प और सुझाव

एक्सपर्ट्स ने स्पष्ट किया है कि ज्यादातर प्लास्टिक की बोतलें एक बार इस्तेमाल के लिए बनाई जाती हैं और उन्हें बार-बार गर्म वातावरण में छोड़ना स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है. यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

-स्टील या कांच की बोतलों का इस्तेमाल करें

-ये गर्मी में सेफ हैं और बार-बार इस्तेमाल हो सकती हैं.

-कार में बोतल छोड़ने से बचें, खासकर गर्मी में.

-घर से अपनी पानी की बोतल लेकर चलें, ताकि बाहर की अनसेफ प्लास्टिक बोतलों का पानी न पीना पड़े.

-बोतलों को सीधे सनलाइट से दूर रखें, और कभी भी गर्म हो चुकी बोतल से पानी न पिएं.

-‘BPA Free’ बोतलों का ही चुनाव करें, लेकिन याद रखें कि 'BPA Free' का मतलब पूरी तरह सेफ नहीं होता.

-हेल्थ के साथ-साथ एनवायरनमेंट की भी रक्षा करें

-प्लास्टिक न केवल हमारे बॉडी के लिए हार्मफुल है, बल्कि एनवायरनमेंट के लिए भी एक स्लो पाइजन है.

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