Begin typing your search...

इस राज्य में पीरियड होने पर मनाया जाता है जश्न, लड़की को नहीं माना जाता अछूत

यह कहना गलत नहीं होगा कि आज भी भारत के कई इलाकों में पीरियड्स होने पर महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है. उन्हें अछूत माना जाता है. इतना ही नहीं, इन दिनों के दौरान महिलाओं को मंदिर जाने से लेकर किचन में काम करने तक की मनाही होती है.

इस राज्य में पीरियड होने पर मनाया जाता है जश्न, लड़की को नहीं माना जाता अछूत
X
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 9 Feb 2025 7:05 PM IST

first period celebration in tamil naduपीरियड एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन आज भी इससे जुड़े कई टैबू हैं. जहां पीरियड होने पर महिलाओं को किचन में नहीं जाने दिया जाता है. वहीं, दूसरी ओर लड़कियों को गौशाला में रहने पर मजबूर किया जाता है. इतना ही नहीं, महिलाओं के साथ भेदभाव भी किया जाता है.

लेकिन भारत का एक ऐसा शहर है, जहां पीरियड्स होने पर महिलाओं को अछूत नहीं माना जाता है. बल्कि इस दिन को खुशी के रूप देखा जाता है और ग्रैंड सेलिब्रेशन किया जाता है. यहां पीरियड से जुड़ा मंजल निरातु विजा त्योहार मनाया जाता है. चलिए जानते हैं इस रिवाज के बारे में.

मंजल निरातु विजा त्योहार

तमिल नाडु में इसे मंजल निरातु विजा त्योहार के नाम से जाना जाता है. इस त्योहार में लड़कियों बताया जाता है कि अब वह महिला बनने की राह पर है. यह उसके जीवन का एक नया सफर है. इस रिवाज में लड़की के परिवारवालों को इंविटेशन दिया जाता है. इतना ही नहीं, इसके लिए कार्ड भी छपवाने का रिवाज है. यह सेलिब्रेशन काफी ग्रैंड होता है. इसमें झोपड़ी बनाने का रिवाज है, जिसे नारियल, आम और नीम के पत्तों से तैयार किया जाता है. इसे कुदिसाई के नाम से भी जाना जाता है. इस झोपड़ी में एक झाड़ू भी रखी जाती है.

हल्दी के पानी से जाता है नहलाया

हिंदू धर्म में हर शुभ काम में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. इसी तरह पहली बार पीरियड्स होने पर लड़की को हल्दी के पानी से नहलाने का रिवाज है. इस रस्म को निभाने के बाद लड़की को पहली बार रेशम की साड़ी और ज्वेलरी पहनाई जाती है. इस समय लड़की दुल्हन की तरह नजर आती है.

क्या है पुण्य धनम?

यह त्योहार 'पुण्य धनम'से खत्म होता है, जिसे 9वें, 11वें और 15वें दिन निभाया जाता है. इसके बाद झोपड़ी को तोड़ दिया जाता है. फिर घर में एक छोटी सी पूजा रखी जाती है.

अगला लेख