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नैनीताल के व्यापारियों को बड़ा झटका, नहीं पहुंच रहे सैलानी, पर्यटन क्षेत्र को अब तक 60 करोड़ का नुकसान

नैनीताल जैसे पर्यटन-निर्भर इलाकों में होटल, रेस्तरां, टैक्सी ड्राइवर, गाइड, दुकानदार और नाविकों की आमदनी पर बुरा असर पड़ा है. नैनी झील, जो कभी यहां की सबसे बड़ी आकर्षण थी, अब वीरान पड़ी है.

नैनीताल के व्यापारियों को बड़ा झटका, नहीं पहुंच रहे सैलानी, पर्यटन क्षेत्र को अब तक 60 करोड़ का नुकसान
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 31 May 2025 7:00 PM IST

देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इस साल पर्यटकों की भारी कमी देखी जा रही है. नैनीताल से लेकर कश्मीर घाटी तक स्थानीय व्यवसायों और पर्यटन संगठनों को बड़ा झटका लगा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ नैनीताल क्षेत्र में ही पर्यटन गतिविधियों में अब तक लगभग 60 करोड़ का अनुमानित नुकसान हो चुका है. पिछले साल मई की तुलना में इस साल पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है.

जहां पहले 90% तक की गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं इस सीज़न में भी लगभग 10-15% की गिरावट जारी है. हालांकि स्पष्ट नहीं है कि आखिर क्यों अब तक पर्यटकों का जमावड़ा नैनीताल की सुंदर वादियों में क्यों नहीं लगा, जैसा की हर सीजन में देखने को मिलता था. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ कारण सामने आए है.

सैलानियों के मन है असुरक्षा की भावना

नैनीताल में पहुंचने पर यात्रियों को भारी टोल और पार्किंग फीस का सामना करना पड़ता है, जिससे यह जगह बजट पर्यटकों के लिए कम आकर्षक हो गई है. साथ ही हाल की सांप्रदायिक झड़पों और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति ने यात्रियों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा की है. वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया तनाव ने घरेलू पर्यटकों के फैसलों को प्रभावित किया है. लोग अब उन डेस्टिनेशंस की ओर रुख कर रहे हैं जो सुरक्षित और सीमा से दूर हैं.

लोकल व्यापारियों धंधा पड़ा मंदा

नैनीताल जैसे पर्यटन-निर्भर इलाकों में होटल, रेस्तरां, टैक्सी ड्राइवर, गाइड, दुकानदार और नाविकों की आमदनी पर बुरा असर पड़ा है. नैनी झील, जो कभी यहां की सबसे बड़ी आकर्षण थी, अब वीरान पड़ी है. नाविकों ने बताया कि इस सीज़न में नाव की सवारी लेने वाले पर्यटक गिनती के ही हैं. नैनीताल ही नहीं, कश्मीर घाटी में भी हालात बेहतर नहीं हैं. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से यहां पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसका असर श्रीनगर की उड़ानों पर भी पड़ा है.

उड़ानों में गिरावट

श्रीनगर आने-जाने वाली फ्लाइट्स की संख्या आधी रह गई है. इसके अलावा किराए में भी गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली से श्रीनगर का जो हवाई किराया कुछ सप्ताह पहले 13,000 था, अब वह घटकर ₹4,000-₹4,800 के बीच हो गया है. वहीं, मुंबई से श्रीनगर की टिकट 25,000 से घटकर ₹6,000 से भी नीचे पहुंच चुकी है. इन हालातों ने न केवल पर्यटक स्थलों की रौनक छीन ली है, बल्कि उन लाखों लोगों की आजीविका भी संकट में डाल दी है जो पर्यटन पर आश्रित थे. अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो यह मंदी पर्यटन उद्योग के लिए बड़े संकट में बदल सकती है.

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