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बड़े-बड़े नामी डाकुओं की पनाहगाह थी ये गुफा, कैसे टूरिस्ट प्लेस में बदली Robers Cave

गुफा की लंबाई लगभग 600 मीटर है और यह दो हिस्सों में बंटी हुई है, सबसे खास बात ये है कि गुफा के बीचोंबीच से एक ठंडी नदी बहती है, जिसमें आमतौर पर पानी घुटनों तक होता है. गर्मियों में इस ठंडे पानी में चलना एक अलग ही सुकून देता है.

बड़े-बड़े नामी डाकुओं की पनाहगाह थी ये गुफा, कैसे टूरिस्ट प्लेस में बदली Robers Cave
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 30 May 2025 5:30 PM IST

देहरादून का नाम सुनते ही ज़हन में पहाड़, हरियाली और शांत वादियों की तस्वीर बन जाती है और जब मैंने देहरादून जाने का प्लान बनाया, तो मन में यही ख्याल था – कुछ शांति मिलेगी, थोड़ी ताजगी और थोड़ा सा रोमांच. लेकिन इस बार मुझे कुछ ऐसा देखने को मिला, जिसकी उम्मीद नहीं थी. हम बात कर रह है रॉबर्स केव (Robbers Cave) की, जिसे स्थानीय लोग ‘गुच्चूपानी’ के नाम से जानते हैं. देहरादून से करीब 8 किलोमीटर दूर, पहाड़ों और हरियाली से घिरा यह एक अनोखा गुफा एरिया है. सुनने में ये बस एक जगह लग सकती है, लेकिन इसके अंदर छिपी है इतिहास, रहस्य और ठंडे पानी की ठिठुरन.

इतिहास से भरी एक रहस्यमयी गुफा

‘रॉबर्स केव’ नाम सुनकर ही लगता है जैसे कोई फिल्मी कहानी हो और असल में ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ये गुफा डाकुओं का छुपने का ठिकाना हुआ करती थी। माना जाता है कि कुख्यात डाकू सुल्ताना और मान सिंह अंग्रेजों से बचने के लिए इसी गुफा में छिपते थे. गुफा इतनी संकरी और घुमावदार है कि ब्रिटिश पुलिस चाहकर भी यहां तक आसानी से नहीं पहुंच पाती थी, इसीलिए अंग्रेजों ने इसे नाम दिया – Robbers Cave.

अंदर का नज़ारा

गुफा की लंबाई लगभग 600 मीटर है और यह दो हिस्सों में बंटी हुई है, सबसे खास बात ये है कि गुफा के बीचोंबीच से एक ठंडी नदी बहती है, जिसमें आमतौर पर पानी घुटनों तक होता है. गर्मियों में इस ठंडे पानी में चलना एक अलग ही सुकून देता है और हां, गुफा का वो हिस्सा सबसे रहस्यमयी लगता है, जहां पानी ज़मीन से अचानक निकलता है और थोड़ी ही दूरी पर गायब हो जाता है! ऐसा लगता है मानो कोई जादू हो रहा हो. जब सूरज की किरणें गुफा में झांकती हैं और पानी से टकराती हैं, तो पत्थरों पर पड़ती चमक किसी क्रिस्टल शो जैसी लगती है.

कैसे पहुंचें? कितनी है फीस

गुच्चूपानी, देहरादून शहर से लगभग 8 किमी दूर है, कार, स्कूटी, टैक्सी या ऑटो से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. आखिरी पड़ाव होता है अनारवाला गांव, जहां से थोड़ा पैदल चलना पड़ता है. रास्ता हरियाली से भरा होता है एकदम Instagram-worthy!. वहीं इसकी एंट्री फीस की बात करें तो, पर व्यक्ति 35 रुपये है, अगर आप अपना सामान लॉकर में रखना चाहते हैं तो उसके 30 और चेंजिंग रूम के 20 रुपये है. यह सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है.

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