कार्यकारी अध्यक्ष सिर्फ पद या नड्डा की कुर्सी तक का ट्रेलर? BJP के फैसले के पीछे क्या है असली गेम प्लान
45 वर्षीय नबीन की नियुक्ति ने राजनीतिक गलियारों में चौंकाने वाली हलचल पैदा कर दी है. पांच बार के विधायक और संगठनात्मक अनुभव रखने वाले नबीन के अनुभव को देखते हुए उनकी यह नियुक्ति भाजपा में अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनकी संभावित भूमिका की तैयारी के रूप में देखी जा रही है.
भाजपा ने सोमवार को बिहार के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपकर राजनीतिक हलचल मचा दी है. यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब पार्टी की संसदिय बोर्ड ने उन्हें पार्टी के शीर्ष संगठनात्मक पद के लिए चुना, जिससे संभावना बढ़ गई है कि वे मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की जगह लें. इस कदम को भाजपा संगठन में युवा नेतृत्व को अवसर देने के रूप में भी देखा जा रहा है.
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45 वर्षीय नबीन की नियुक्ति ने राजनीतिक गलियारों में चौंकाने वाली हलचल पैदा कर दी है. पांच बार के विधायक और संगठनात्मक अनुभव रखने वाले नबीन के अनुभव को देखते हुए उनकी यह नियुक्ति भाजपा में अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनकी संभावित भूमिका की तैयारी के रूप में देखी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सराहना ने इस संभावना को और मजबूत कर दिया है.
मोदी-शाह की रणनीति और संगठन में बदलाव
नबीन का उठान मोदी और शाह के रणनीतिक फैसलों का नतीजा माना जा रहा है. मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने संगठन में पहली बार बड़े पैमाने पर परिवर्तन 2013 में किया था, इसके बाद 2014 में अमित शाह और 2020 में जे.पी. नड्डा को संगठनात्मक नेतृत्व सौंपा गया. नबीन की नियुक्ति इस बदलाव की अगली कड़ी है, जो पार्टी में युवा नेतृत्व और पीढ़ीगत परिवर्तन को दर्शाती है.
नबीन की राजनीतिक यात्रा और अनुभव
पटनाः के बैंकिपुर से पांच बार के विधायक नबीन ने भाजपा युवा मोर्चा की बिहार इकाई का नेतृत्व 2016-2019 तक किया और 2019 में सिक्किम में लोकसभा एवं विधानसभा अभियान संभाला. 2021 में उन्हें कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ का सह-इनचार्ज बनाया गया, जहां उनकी रणनीति के कारण भाजपा ने अप्रत्याशित जीत हासिल की. 2024 में छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने पार्टी की नेतृत्व क्षमता को साबित किया.
कार्यकारी अध्यक्ष बनने के पीछे का कारण
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हर दो साल में होना है. वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा हुआ था. नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करना एक अंतरिम कदम माना जा रहा है, जिससे पार्टी आगामी चुनाव प्रक्रिया तक तैयार रहे. यह निर्णय खर्मास के पवित्र महीनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया, जब हिंदू धर्म में शुभ कार्यों को स्थगित किया जाता है.
संगठनात्मक कुशलता और भविष्य की संभावनाएं
नबीन की संगठनात्मक क्षमता और युवा मोर्चे में अनुभव ने उन्हें यह अवसर दिलाया. उनके पिता नबीन किशोर सिन्हा की राजनीतिक विरासत और उनके कायस्थ समुदाय से जुड़ाव ने भी उनके नेतृत्व में योगदान दिया. उनकी नियुक्ति भाजपा में संगठनात्मक नेतृत्व में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है, साथ ही बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ को भी दर्शाती है.





