IAF को मिलेगा दुनिया का सबसे खतरनाक स्टेल्थ जेट? S-400 के बाद अब S-500 लेने की भी तैयारी, पुतिन की यात्रा बनेगी गेम-चेंजर?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. भारत रूस से पांचवीं पीढ़ी के Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट्स और S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर बातचीत शुरू करने की योजना बना रहा है. यह डील भारतीय वायुसेना और मिसाइल सुरक्षा ढांचे को अभूतपूर्व मजबूती दे सकती है. इससे पहले भारत S-400 सिस्टम और 300 एडवांस्ड मिसाइलों की खरीद पर भी चर्चा आगे बढ़ा चुका है. मोदी-पुतिन बैठक भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का निर्णायक मोड़ बन सकती है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा के दौरान भारत रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठा सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार रूस से फिफ्थ-जेनरेशन Su-57 फाइटर जेट्स और S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर बातचीत शुरू करने की योजना बना रही है. इस संभावित रक्षा डील को भारत की सैन्य क्षमताओं को अभूतपूर्व मजबूती देने वाले सौदे के रूप में देखा जा रहा है.
पुतिन 4 दिसंबर को दो दिन की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. अब तक दोनों देशों के बीच 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं और यह 23वीं बैठक दोनों राष्ट्रों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कई अहम समझौते हो सकते हैं जिनमें रक्षा क्षेत्र सबसे प्रमुख रहने वाला है.
S-400 सिस्टम का दुनिया मानती है लोहा
भारत के पास पहले से ही लगभग 200 से अधिक रूसी लड़ाकू विमान हैं, जिनमें Su-30MKI भी शामिल है, जबकि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की कई बैटरियां सक्रिय रूप से तैनात हैं. S-400 सिस्टम का उपयोग पाकिस्तान के साथ हुए संक्षिप्त सैन्य तनाव के दौरान भी किया गया था, जिसने इसकी वास्तविक युद्धक क्षमता को साबित किया. ऐसे में Su-57 और S-500 जैसे अत्याधुनिक हथियार जोड़ना भारत के हवाई युद्ध कौशल और मिसाइल रक्षा ढांचे को कई गुना बढ़ा देगा.
पांच और S-400 स्क्वाड्रन ले सकता है भारत
इससे पहले खबरें सामने आई थीं कि भारत रूस से 300 एडवांस्ड मिसाइलें खरीदने के लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करने वाला है, जिसका उद्देश्य S-400 सिस्टम की युद्धक ताकत को और अधिक बढ़ाना है - विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसके प्रभावी प्रदर्शन के बाद. इसके अलावा भारत अतिरिक्त पांच S-400 स्क्वाड्रन हासिल करने की दिशा में भी चर्चा आगे बढ़ा सकता है.
Su-57 की खरीद पर गंभीरता से विचार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत Su-57 के दो से तीन स्क्वाड्रनों की खरीद पर गंभीरता से विचार कर सकता है. रूस इस जेट को अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II के एक प्रमुख विकल्प के तौर पर सक्रिय रूप से वैश्विक स्तर पर प्रमोट कर रहा है. Su-57 की स्टेल्थ क्षमता, सुपरसोनिक क्रूज़ स्पीड, उन्नत सेंसर और मल्टीरोल क्षमताएं भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक युद्ध तकनीक उपलब्ध करा सकती हैं.
पुतिन की यात्रा का आधिकारिक ऐलान हाल ही में विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से किया गया. मंत्रालय ने कहा कि यह दौरा भारत-रूस “स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” को नए आयाम देने का काम करेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी पुतिन का स्वागत करेंगी और उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया जाएगा.
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रूस से भारत का ऐतिहासिक याराना
भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रक्षा संबंध हमेशा से रणनीतिक सहयोग की रीढ़ रहे हैं. यूक्रेन युद्ध और बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच यह बैठक और भी अहम मानी जा रही है. जहां पश्चिमी देशों के साथ तनाव के दौर में रूस अपने सैन्य सहयोगियों को मजबूत रखना चाहता है, वहीं भारत भी 2047 तक रक्षा आत्मनिर्भरता हासिल करने और भविष्य के युद्धों के लिए सैन्य तकनीक को उन्नत करने पर तेज़ी से काम कर रहा है.
अगर Su-57 और S-500 की डील पर सहमति बनती है तो यह पिछले दो दशकों में भारत-रूस रक्षा संबंधों की सबसे बड़ी और गेम-चेंजर समझौता साबित हो सकती है. फिलहाल सभी की निगाहें मोदी-पुतिन बैठक पर टिकी हैं, जहां भारत की रक्षा क्षमताओं का भविष्य नए अध्याय में प्रवेश कर सकता है.





