कौन हैं स्टार प्रोटेक्टेड गवाह, जिसके बयान ने खोल दी पहलगाम आतंकी हमले की परतें? किया ये दावा
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में एक स्टार प्रोटेक्टेड गवाह के बयान से नया मोड़ आ गया है. जब एक ‘स्टार प्रोटेक्टेड गवाह’ ने सामने आकर खुलासा किया कि कैसे हमले की साजिश रची गई थी? जानिए कौन है ये गवाह, क्या होते हैं स्टार प्रोटेक्टेड गवाह और क्या दावे किए. आतंकियों ने हमले से पहले स्थानीय लोगों से खाना और अन्य मदद ली थी.

Star Protected Witness Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को करीब तीन महीने हो गए. इस आतंकी हमले को लेकर अब तक कई खुलासे हुए हैं, लेकिन जांच एजेंसियों के हाथ पुख्ता सबूत अभी हाथ नहीं लगे हैं. आरोपियों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है, लेकिन जांच में अब एक बेहद अहम मोड़ आया है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, 'स्टार प्रोटेक्टेड गवाह' ने वो राज उगले हैं, जिससे पूरे हमले की प्लानिंग से लेकर फंडिंग और टारगेटिंग तक की परतें खुल गईं हैं. अब सवाल ये उठता है कि स्टार प्रोटेक्टेड गवाह आखिर होता कौन है? इसके बयान को इतना अहम क्यों माना जाता है?
क्या होता है ‘स्टार प्रोटेक्टेड गवाह’?
दरअसल, ‘स्टार प्रोटेक्टेड गवाह’ घटना का सबसे बड़ा गवाह माना जाता है. इसकी जानकारी सभी से गुप्त रखी जाती है. इसके साथ ही इस गवाह की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है. यहां तक की अदालत में नॉर्मल सुनवाई के बजाय बंद कमरे में ‘स्टार प्रोटेक्टेड गवाह’ के बयान या पेश किया जाता है. इस तरह के गवाहों की सीक्रेट तरीके से सुरक्षा और निगरानी की जाती है. इसके अलावा उनका नाम और पता सार्वजनिक जगहों से हटा दिए जाते हैं.
गवाह ने क्या बताया?
जम्मू कश्मीर के पहलगाम हमले की जांच NIA कर रही है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है. ठीक वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं. एनआईए की जांच के दौरान टीम को एक स्टार प्रोटेक्टेड गवाह मिला है. NIA की पूछताछ के दौरान युवक ने बताया कि जब आतंकी टूरिस्टों को मारकर बैसरन घाटी से बाहर निकल रहे थे. उस दौरान उन्होंने उसे रोक लिया था. आतंकियों ने युवक से कलमा पढ़ने को कहा था, हालांकि जैसे ही युवक ने स्थानीय लहजे में कलमा पढ़ना शुरू किया तो आतंकियों ने उसे छोड़ दिया. इसके बाद वो आगे बढ़े और जश्न मनाने के लिए गोलियां चलानी शुरू कर दीं. उस दौरान आतंकियों ने 4 राउंड गोलियां चलाई थीं. इस बात का खुलासा प्रत्यक्षदर्शी ने किया है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, गवाह ने ये भी दावा किया है कि हमले की साजिश पिछले 5 महीने से रची जा रही थी. फंडिंग पाकिस्तान के रावलपिंडी और बहावलपुर से हुई. हमले के लिए लोकल स्लीपर सेल्स को एक्टिव किया गया था. टारगेट का चुनाव मिलिट्री मूवमेंट और हाईवे ट्रैफिक पैटर्न देखकर हुआ. इस गवाह ने कथित तौर पर उन कोड वर्ड्स और संचार चैनलों का भी खुलासा किया जो आतंकियों ने इस्तेमाल किए.
मौके से 4 कारतूस बरामद
स्टार प्रोटेक्टेड गवाह के खुलासे के बाद NIA उस जगह पहुंची, जहां आतंकियों ने गोलियां चलाकर जश्न मनाया था. मौके का मुआयना करने के दौरान जांच टीम को वहां से इस्तेमाल किए गए 4 कारतूस बरामद हुए. गवाह ने जांच टीम को बताया कि आतंकियों की मदद पिछले दिनों गिरफ्तार परवेज और बशीर ने की थी. उसने बताया कि वे हमलावरों के सामान की देखभाल कर रहे थे.