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कौन हैं नयनार नागेन्द्रन, जो बने तमिलनाडु भाजपा के नए अध्यक्ष

नयनार नागेन्द्रन को तमिलनाडु बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वे 2017 में एआईएडीएमके छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. नागेन्द्रन ने तिरुनेलवेली सीट से 2021 में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी और वे राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता भी हैं.

कौन हैं नयनार नागेन्द्रन, जो बने तमिलनाडु भाजपा के नए अध्यक्ष
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 11 April 2025 5:14 PM IST

Who is Nayanar Nagendran: तमिलनाडु में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. राज्य में फिलहाल डीएमके की सरकार है, लेकिन भाजपा अब खुद को मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में पार्टी ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है.

हाल ही में तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष पद से के. अन्नामलाई ने खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद पार्टी ने नयनार नागेन्द्रन को प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान नागेन्द्रन इस पद के लिए अकेले उम्मीदवार थे, जिसके चलते उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया. उनके नाम का प्रस्ताव खुद अन्नामलाई ने रखा और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसका समर्थन किया. नागेन्द्रन की नियुक्ति को आगामी चुनावों के मद्देनज़र भाजपा की रणनीतिक तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह ने भी चेन्नई दौरे के दौरान इस फैसले की पुष्टि की और 'X' (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'तमिलनाडु बीजेपी को अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ नागेन्द्रन से नामांकन मिला है. नयनार नागेन्द्रन की तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब पार्टी राज्य में एआईएडीएमके के साथ रिश्तों को फिर से मजबूत करने की तैयारी में है. उनके सामाजिक और राजनीतिक बैकग्राउंड को देखते हुए यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है.

राजनीति में 'गेम चेंजर' बनकर आए नयनार नागेन्द्रन

नयनार नागेन्द्रन को तमिलनाडु बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. तिरुनेलवेली से बीजेपी विधायक रहे नागेन्द्रन का राजनीतिक बैकग्राउंड एआईएडीएमके से जुड़ा रहा है. इस वक्त जब बीजेपी राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने और एआईएडीएमके के साथ गठबंधन को दोबारा जिंदा करने की कोशिश में है, नागेन्द्रन की नियुक्ति को रणनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है.

हालांकि वे सिर्फ आठ साल पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. जबकि अध्यक्ष बनने के लिए दस साल की सदस्यता जरूरी होती है. लेकिन पार्टी ने रणनीतिक कारणों से अपवाद बनाया है. नागेन्द्रन की मुक्कुलथोर (मरवर) जाति पहचान और एआईएडीएमके में उनकी स्वीकार्यता को बीजेपी के विस्तार में एक अहम कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है.

जानें नयनार नागेन्द्रन के बारे में...

अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले वह सबसे पहले चेन्नई स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय ‘कमलालयम’ पहुंचे. उनके नाम का प्रस्ताव मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने किया, जिसे केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, पूर्व मंत्री पोन राधाकृष्णन और विधायक वनाथी श्रीनिवासन ने समर्थन दिया.

नागेन्द्रन 2001 से 2006 तक जयललिता और ओ. पन्नीरसेल्वम सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने 2006 और 2011 में एआईएडीएमके के टिकट पर तिरुनेलवेली सीट से विधानसभा चुनाव जीते. 2021 में उन्होंने इसी सीट से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की और तमिलनाडु विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता नियुक्त किए गए.

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