हसन मुश्रीफ कौन हैं, जो बने फडणवीस कैबिनेट में जगह पाने वाले इकलौते मुस्लिम विधायक?
Who is Hasan Mushrif: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट का 15 दिसंबर को विस्तार हुआ. कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम हसन मुश्रीफ का रहा. मुश्रीफ एनसीपी कोटे से मंत्री बने हैं. वे फडणवीस कैबिनेट में शामिल होने वाले पहले और इकलौते मंत्री हैं. आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

Hasan Mushrif: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट का 15 दिसंबर को विस्तार हुआ. इस दौरान 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें 33 कैबनेट मंत्री और 6 राज्य मंत्री हैं. बीजेपी के सबसे ज्यादा 19 मंत्री हैं, जिसमें 16 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री हैं. फडणवीस कैबिनेट में एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ को भी शामिल किया गया है. वे कैबिनेट में शामिल होने वाले इकलौते मुस्लिम विधायक हैं.
बता दें कि जिन 13 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, उनमें यूपी से दानिश अंसारी एक मात्र मुस्लिम सदस्य हैं, जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. वहीं, बीजेपी के सहयोगी दलों की सरकार में बिहार से जनता दल (यूनाइटेड) से विधायक जमा खान और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नसीम मोहम्मद फारूक को ही कैबिनेट रैंक मिला है.
कौन हैं हसन मुश्रीफ?
हसन मुश्रीफ कोल्हापुर जिले के कागल से छह बार के विधायक हैं. वे पूर्व पुलिस महानिरीक्षक यानी आईजीपी शमशुद्दीन मुश्रीफ के छोटे भाई है. बीजेपी ने उनके ऊपर कोल्हापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) और परिवार के सदस्यों से जुड़ी चीनी मिलों में लेन-देन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. हालांकि, जब से वे एनसीपी में आए हैं, उनकी आलोचना कम हो गई है.
पहली बार फडणवीस कैबिनेट में मुस्लिम मंत्री
फडणवीस जबर 2014 में पहली बार सीएम बने तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में किसी भी मुस्लिम विधायक को शामिल नहीं किया. हालांकि, 2022 में शिंदे की शिवसेना के साथ सरकार बनाने के बाद हसन और अब्दुल सत्तार को नई कैबिनेट में शामिल किया गया था.
अल्पसंख्यकों का घट रहा प्रतिनिधित्व
बता दें कि इस बार के चुनाव में मुस्लिम समुदाय से 10 विधायक चुने गए है. इसमें सना मलिक, अब्दुल सत्तार और हसन मुश्रीफ शामिल हैं. इससे पहले, 1972,1980 और 1999 में 13 विधायक चुने गए थे. सबसे कम 8 विधायक 1995 में चुने गए थे. राज्य में मुस्लिमों की आबादी 11.5 फीसदी है. लियोन डिसूजा 1978 में ईसाई समुदाय से मंत्री बनने वाले आखिरी नेता थे. वहीं, पारसी समुदाय से मंत्री बनने वाले आखिरी नेता मर्जबान पात्रावाला थे. उन्हें 1993 में मंत्री बनाया गया था.