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'इंग्लिश अच्छी है, लेकिन काम अच्छे नहीं हैं...', राज्यसभा में खरगे-सीतारमण में जुबानी जंग

Nirmala Sitharaman Mallikarjun Kharge: राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जुबानी जंग देखने को मिली. खरगे ने कहा कि सीतारमण की अंग्रेजी अच्छी है, लेकिन उनके काम ठीक नहीं हैं. वहीं, सीतारमण ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए संविधान संशोधन सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे.

इंग्लिश अच्छी है, लेकिन काम अच्छे नहीं हैं..., राज्यसभा में खरगे-सीतारमण में जुबानी जंग
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( Image Source:  ANI )

Nirmala Sitharaman Mallikarjun Kharge : संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. आज सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जोरदार बहस देखने को मिली. सीतारमण ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर हमला करते हुए कहा कि उनके द्वारा लाए गए संविधान संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1949 में मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को जेल में डाल दिया गया था. 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई, जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड सिर्फ़ इन दो लोगों तक सीमित नहीं था। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी 'नेहरू' पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उन्होंने 'किस्सा कुर्सी का' नामक एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे.

'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए किया संविधान संशोधन'

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है, लेकिन पहली अंतरिम सरकार ने भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए संविधान संशोधन किया. वह भी संविधान को अपनाने के एक साल के अंदर... इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी इंग्लिश तो अच्छी है, लेकिन काम अच्छे नहीं हैं.

'संविधान का अपमान करने वाले कांग्रेस को सिखाने की कोशिश कर रहे हैं'

खरगे ने कहा, मैं नगर पालिका स्कूल में पढ़ा हूं. वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ी हैं तो यह स्वाभाविक है कि उनकी अंग्रेजी और हिंदी अच्छी होगी, लेकिन कर्म अच्छे नहीं है. इसके अलावा खऱगने ने कहा कि जो लोग संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और अशोक चक्र से नफरत करते हैं, वे कांग्रेस को सिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, जिस दिन संविधान अपनाया गया था, उसी दिन उन्होंने (आरएसएस और जनसंघ) दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा साहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे. उन्होंने कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा कि कई शक्तिशाली देशों में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार नहीं था, महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, उस समय इस पुरानी पार्टी और संविधान ने देश को ये अधिकार दिए. हालांकि, आरएसएस और जनसंघ ने इसका विरोध किया.

'आरक्षण के खिलाफ है बीजेपी'

खरगे ने कहा कि बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है. इसीलिए वे जाति जनगणना के खिलाफ हैं. मोदी जी को देश के स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. आप पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर सभी का अपमान कर रहे हैं. सरदार पटेल भी उनके साथ थे, अंबेडकर भी उनके साथ थे... नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा था, जिसका जिक्र मोदी जी ने अपने भाषण में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर नेहरू जी को बदनाम करने के लिए किया, जिसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। यह मेरी मांग है.

'जो देश के लिए नहीं लड़े, उन्हें संविधान का महत्व क्या पता होगा'

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जो देश के लिए नहीं लड़े, उन्हें आजादी और संविधान का महत्व क्या पता होगा? प्रधानमंत्री हमें पढ़ा रहे थे और कह रहे थे कि हम झूठ बोलते हैं, लेकिन सबसे बड़ा झूठा प्रधानमंत्री हैं. कहा गया था कि 15 लाख रुपये आएंगे, लेकिन कुछ नहीं आया...ये लोग झूठ बोलकर देश को गुमराह कर रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं...प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि उन्होंने पिछले 11 सालों में संविधान को मजबूत करने के लिए क्या किया है.

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