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दर्जी का टैग और UPI ट्रांजैक्शन से खुलासा, पुलिस ने कैसे सुलझाई महिला मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी?

ओडिशा से एक खबर आ रही है जहां पर 13 दिसंबर को काठजोड़ी नदी के पास 35 साल की महिला का शव मिला. पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. मामले की पूछताछ की तो मालूम हुआ कि आरोपी मृतक का साला था. उसने यह भी खुलासा किया कि उसने अपने भाई बलराम दुहुरी और चचेरे भाई हपी दुहुरी की मदद से अपराध किया.

दर्जी का टैग और UPI ट्रांजैक्शन से खुलासा, पुलिस ने कैसे सुलझाई महिला मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी?
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( Image Source:  Social Media- X )

कटक के कंदरपुर में 13 दिसंबर को काठजोड़ी नदी के किनारे 35 साल की महिला का शव बरामद किया गया था. मृतक की पहचान नहीं हुई और राज्य भर में किसी भी पुलिस स्टेशन में मामला नहीं दर्ज कराया गया था. पुलिस के पास इस घटना का कोई सबूत नहीं था, सिवाए एक चॉपर के. उसी केस में पुलिस को तीन लोगों को अरेस्ट करने में मदद मिली. उन्हें घटनास्थल के पास खून से सने शर्ट पर दर्जी का टैग मिला. कटक के डीसीपी जगमोहन मीना ने कहा- कि पुलिस के लिए इस मामले को सुलझाना एक बड़ी चुनौती थी.'

डीसीपी मीना ने कहा कि मृतक महिला के हाथों में दो टैटू देखे गए हैं, लेकिन उससे महिला की पहचान नहीं हो पाई. घटना वाली जगह पर नदी के पास एक शर्ट और पैंट मिला है जो कि पूरा खून ले लदा हुआ है. उन्होंने कहा कि दोनों कपड़ों पर एक 'न्यू स्टार टेलर्स' नाम का टैग लगा हुआ है.

टेलर की हुई जांच

डीसीपी मीना ने आगे कहा- 'कि मिले हुए टैग वाले सबूत पर ध्यान दिया गया. ओडिशा में इस नाम या इससे मिलते-जुलते नाम वाले लगभग 10 टेलर की जांच की गई और उनके टैग डिजाइन को मिले हुए टैग से मैच किया गया. हालांकि, उसके जैसा कोई मैच नहीं मिला. गंजम जिले के एक दर्जी का कहना है कि यहां पर नहीं गुजरात में इस तरह के टैग का यूज होता है.'

डीसीपी ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया और पुलिस को सूरत में ऐसा टेलर मिला जिसके यहां पर मिले हुए टैग का इस्तेमाल होता है. टेलर के टैग पर '3833' नंबर लिखा था, फिर उसे मैच किया गया तो मालूम हुआ कि यह शर्ट बाबू नाम के शख्स के लिए सिली गई थी.

टेलर ने दिया बड़ा सबूत

नाम के अलावा कोई और डिटेल नहीं थी, लेकिन टेलर ने एक बड़ा सबूत दे दिया कि उसे कस्टमर 'बाबू' को 100 रुपये वापस करने थे, लेकिन उसके पास खुले पैसे नहीं थे. इसलिए, बाबू ने एक मोबाइल नंबर के ई-वॉलेट में 100 रुपये ट्रांसफर कर दिए. उस नंबर से संपर्क किया गया और पता चला कि वह 'बाबू' का दोस्त है.

आरोपी की मिली जानकारी

डीसीपी मीना ने कहा, 'बाबू के बारे में जानकारी मिली है. उसकी पहचान जगन्नाथ दुहुरी (27) उर्फ ​​बाबू उर्फ ​​बापी निवासी केंद्रपाड़ा के रूप में हुई है. मिली हुई जानकारी के मुताबिक- 'बाबू ट्रेन से सूरत जा रहा था और ट्रेन रायगढ़ से गुजर रही थी, तभी उसे पकड़ लिया गया.'

मामले की पूछताछ की तो मालूम हुआ कि वह मृतक का साला था. उसने यह भी खुलासा किया कि उसने अपने भाई बलराम दुहुरी और चचेरे भाई हपी दुहुरी की मदद से अपराध किया. पुलिस ने बताया कि तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

डीसीपी ने कहा, 'बलराम दुहुरी मृतक महिला का पति था. अपराध का मकसद मृतका और उसके पति के बीच पुराना वैवाहिक विवाद है. बलराम को शक था कि मृतका का किसी के साथ विवाहेतर संबंध है.'

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